अब स्कूलों से नहीं भाग पाएंगे टीचर्स, छुट्टियों का भी देना होगा ब्यौरा

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नई दिल्ली। शिक्षा में सुधार लाने के लिए और शिक्षकों द्वारा बरती जाने वाली कोताही से निपटने के लिए गुजरात सरकार मे एक नया फंडा अपनाया है। अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले शिक्षकों के लिए क्लास छोड़कर गायब होना काफी मुश्किल हो जाएगा। गुजरात सरकार ने एक ऐसे कॉल सेंटर का निर्माण किया है। जहां से शिक्षकों को फोन किया जाएगा।

इस फोन कॉल में शिक्षकों से उनकी लोकेशन, पूरे दिन किए गए काम की जानकारी मांगी जाएगी। इसी तरह यदि कोई शिक्षक किसी दिन छुट्टी पर है तो उन्हें यह बताना होगा कि वह कितने दिन की छुट्टी पर हैं और उन्हें किसने अनुमति दी है।

इस रियल टाइम सर्विलांस प्लास से सरकारी स्कूलों को लगभग 1.95 लाख शिक्षकों पर नजर रखी जाएगी। यह नई प्रक्रिया 10 जून के बाद नए शैक्षणिक सत्र से शुरू होगी। इस टेक्नोलॉजी के जरिए सरकार का मकसद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। अधिकारियों का कहना है कि इस सिस्टम को कई तरह की रिपोर्ट्स और विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है।

इस नए सिस्टम से शिक्षकों के साथ-साथ स्कूल परिसर में किसी भी मोबाइल या जीपीएस डिवाइस की एंट्री या एग्जिट पर भी अलर्ट जारी होगा। इसे गांधीनगर में बने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से ऑपरेट किया जाएगा।

इस सेंटर में 50 लोग काम करेंगे। इस सभी कर्मचारियों की नियुक्ति शिक्षा अभियान और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के तहत की जा रही है। यह ऑपरेशन मुख्य सचिव विनोद राव के नेतृत्व में काम करेगा।