चित्तौड़गढ़। जिले के मंडफिया स्थित प्रख्यात कृष्ण धाम भगवान श्रीसांवलिया सेठ का मंदिर खुलते ही 10 दिन में ही भक्तों ने 3 करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ा दिया। सोना और चांदी के आभूषण के अलावा ऑनलाइन भी 9 लाख रुपए से ज्यादा भेंट किए गए। मंदिर खुलने के बाद गुरुवार को चतुर्दशी के अवसर पर भंडार खोला गया। गुरुवार शाम तक की गिनती में तीन करोड़ 12 लाख रुपए से भी ज्यादा राशि निकली है। इसके अलावा 33 ग्राम सोना और 1370 ग्राम चांदी के आभूषण भी निकले हैं।
श्रीसांवलिया जी मंदिर में अमावस्या से पहले चतुर्दशी पर भंडार खोला जाता है। गुरुवार सुबह 11:30 बजे राजभोग आरती के बाद मंडल अध्यक्ष कन्हैया दास की उपस्थिति में मंदिर के पुजारियों ने भंडार खोला। दोपहर से भंडार से निकली राशि की गणना शुरू हुई, जो शाम 5 बजे तक चली। भंडार से तीन करोड़ 12 लाख 72 हजार 600 रुपए की चढ़ावा राशि प्राप्त हुई। इसके अलावा मंदिर कार्यालय स्थित भेंट कक्ष से नकद और ऑनलाइन से 9 लाख 66 हजार 211 रुपए अलग से प्राप्त हुए हैं। भंडार से 33 ग्राम सोना और 1370 ग्राम चांदी के आभूषण भी प्राप्त हुए है। वहीं, कार्यालय में 5 ग्राम 400 मिलीग्राम सोना और 2230 ग्राम 500 मिलीग्राम चांदी के आभूषण प्राप्त हुए है।
10 दिनों के भण्डार से ही मिली 3 करोड़ से ज्यादा की राशि
कोविड-19 के चलते सभी मंदिर बन्द कर दिए गए थे, ताकि भीड़ एकत्रित न हो। न श्रद्धालुओं को अनुमति थी, न चढ़ावे की। जैसे ही मंदिर खुला, उसके बाद केवल 10 दिनों में ही तीन करोड़ से भी अधिक की राशि का चढ़ावा यहां चढ़ाया गया। 28 जून को मंदिर खोले गए थे जिसके बाद श्रद्धालुओं ने सांवरा सेठ के दर्शन किए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने के उत्साह और श्रद्धा में कोई भी कमी देखने को नहीं मिली।
मई-जून में नहीं खुला भंडार, ऑनलाइन मिले चढ़ावा
कोविड महामारी के चलते मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद रखे गए थे, जिसके चलते मई-जून में भंडार नहीं खोला गया। वहीं, मार्च में भी लॉकडाउन लग चुका था। इस कारण अप्रैल में बहुत कम राशि प्राप्त हुई। अप्रैल माह में भंडार खोला गया था, जिसमें से 94 लाख 35 हजार 634 रुपए मात्र निकले थे। श्रद्धालुओं ने मंदिर बंद रखने के बावजूद भी ऑनलाइन के जरिए निरंतर अपने चढ़ावा चढ़ाते रहे। ऑनलाइन के जरिए अप्रैल में 34 लाख 70 हजार 318 रुपए, मई में 16 लाख 58 हजार 648 रुपए, जून में 22 लाख 23 हजार 967 रुपए प्राप्त हुए थे।