शरबती गेहूं की खेती छोड़ किसान अब कर रहे तेजस की पैदावार

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सीहोर (मप्र )। यदि आप शरबती गेहूं की नर्म रोटी खाने का शौक रखते हैं तो आने वाले दिनों में इसके बारे में सोचना पड़ सकता है। शरबती गेहूं के उत्पादन के लिए देशभर में मशहूर सीहोर के किसानों का रुझान धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इसकी जगह ले रहा है कठिया गेहूं पूसा तेजस। पिछले पांच साल में शरबती का रकबा 25% घट गया है, वहीं तेजस का रकबा 14 गुना बढ़ा है।

इसकी वजह है तेजस की ज्यादा उत्पादकता। शरबती जहां एक हेक्टयर में औसतन 27 क्विंटल की पैदावार होती है, वहीं तेजस की 62 क्विंटल। शरबती की तुलना में दाम कम होने के बावजूद ज्यादा पैदावार होने से किसानों को तेजस में ही फायदा नजर आ रहा है। शरबती गेहूं की तुलना में कम भाव, ज्यादा पानी की जरूरत के बावजूद 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) की खेती में 50 हजार रु. तक का फायदा होने से किसानों का रुझान तेजस की ओर बढ़ा है।

सीहोर के शरबती गेहूं की डिमांड
सीहोर के शरबती गेहूं की डिमांड प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़ में भी रहती है। इसकी चमक और दाने की बनावट ही इसकी पहचान है। इसकी रोटी सफेद और काफी देर तक नर्म रहती है। इसके आटे का स्वाद भी अलग ही है। गल्ला व्यापारी अनिल पालीवाल और चेतन साहू बताते हैं – कोरोना कर्फ्यू से पहले अभी 2600 से 3500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में नीलाम हुआ। अधिकतम 4 हजार रुपए तक भी शरबती बिका है। वहीं तेजस समर्थन मूल्य पर 1975 रुपए प्रति क्विंटल बिका। असल वजह ज्यादा पैदावार ही है।

शरबती को बचाने का जतन
सीहोर के शरबती की चमक और पहचान बरकरार बनी रहे, इसके लिए कृषि विभाग ने कृषक उत्पादक संगठन बनाए हैं। शुरू में इन संगठनों की संख्या दो है जो श्यामपुर और इछावर में काम करेंगे। प्रत्येक संगठन में कम से कम 300 किसान शामिल होंगे। इनकी संख्या 500 से 700 तक भी हो सकती है। ये किसान शरबती की खेती करेंगे। इनकी खुद की समिति बनाई जाएगी। समिति खुद की मार्केटिंग भी करेगी ताकि उपज का अच्छा भाव मिल सके। इस साल ये दोनों संगठन काम करना शुरू कर देंगे।

उप संचालक कृषि आरएस जाट के मुताबिक जो कृषक उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे इन्हें केंद्र सरकार से सहायता भी मिलेगी। इसके अलावा शरबती की दो नई वैरायटी एचआई 1500 और 1531 वैरायटी प्रति हेक्टेयर 30 से 32 क्विंटल का उत्पादन दे रही हैं। किसानों का रुझान इस वैरायटी की ओर बढ़ाया जा रहा है।

शरबती गेहूं की खेती करने वाले श्यामपुर के बराड़ी खुर्द गांव के किसान रविदास ने शरबती गेहूं पांच एकड़ में बोया था। 58 क्विंटल उत्पादन हुआ। 3275 रुपए प्रति क्विंटल औसत भाव में बिका। यानी 1.90 लाख रुपए मिले। बराड़ी खुर्द गांव के प्रहलाद दास बैरागी ने तेजस पांच एकड़ में बोया था। करीब 122 क्विंटल उत्पादन हुआ। समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से 2 लाख 40 हजार 950 रुपए मिले।