जिस मां का तर्पण कर चुका बेटा, वह 5 साल बाद ‘अपनाघर आश्रम’ में जीवित मिली

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राकेश प्रजापति अपनी मां राजकुमारी के साथ।

भरतपुर। मध्यप्रदेश के अशोक नगर निवासी शेरसिंह और उसकी मां राजकुमारी के मिलन की कहानी बिल्कुल फिल्मी जैसी और जज्बे से भरी है। शेर सिंह की मां 5 साल पहले गुम हा़े गई। एक ट्रेन हादसे में शिकार महिला को मां मानकर तर्पण भी कर दिया, लेकिन बेटे का दिल नहीं मानता था। इसलिए सोशल मीडिया पर सर्च करता रहा और दो दिन पहले उसे अपनाघर आश्रम के मिसिंग पेज पर मां की फोटो दिखी। बेटा सोमवार को अशोक नगर से भरतपुर आकर मां को लिवा ले गया।

शेरसिंह उर्फ राकेश प्रजापति ने बताया कि मां राजकुमारी प्रजापति मानसिक रूप से अवस्थ है। वर्ष 2011 में घर पर बिना कुछ बताए कहीं चली गईं थी। नवंबर 2016 में दीपावली के दौरान भटकते हुए राजकुमारी घर लौट आई। करीब 20 दिन परिवार के साथ रहने पर परिजनों को लगा कि वे कुछ अस्वस्थ लग रही है। उनके इलाज के लिए मैं भोपाल ले जा रहा था, तभी बीना रेलवे स्टेशन पर पानी भरने स्टेशन पर उतरा तो मां दूसरी ट्रेन में चढ़कर चली गई।

रिश्तेदारों और आसपास ढूंढ़ने के बाद भी जब वह घर नहीं आई तो उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी। 2016 में इटारसी रेलवे स्टेशन पर उनकी ट्रेन हादसे में मौत होने की पुष्टि पास में रहने वाले किरायेदार ने की। इस पर मां की आत्मा की शांति के लिए कन्याभोज कराने के बाद श्राद्ध पूजन भी करवा दिया। लेकिन मन में हूक उठती थी कि मां अभी जिंदा है। इसलिए मैंने तलाश करना नहीं छाेड़ा।