जानलेवा ब्लेक फंगस के लिये जरूरी इंजेक्शन एवं दवा की कमी दूर हो: मेहता

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कोटा। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों में जानलेवा ब्लेक फंगस (Mucormycosis) बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में ब्लेक फंगस से प्रभावित मरीजों को अब एंटी फंगल इंजेक्शन लाइपोसोमल एंफोटेरिसिन 50 मिग्रा एवं अन्य दवाइयों की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इंजेक्शन की कमी दर्शाकर कालाबाजारी कर रहे लोग इसे बहुत महंगे दामों पर बेच रहे हैं। जबकि संक्रमित रोगी को यह इंजेक्शन लगातार 10 दिन तक लेना होता है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य पंकज मेहता ने सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में शहर में ब्लेक फंगस के कई नये रोगी सामने आ रहे हैं। तीसरी लहर होने पर इनकी संख्या बढ़ सकती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार एंटी फंगल इंजेक्शन की अतिरिक्त मात्रा सुनिश्चित करवाये। ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके। साथ ही कालाबाजारी करने वालों की धरपकड़ शुरू की जाये।

ईएनटी विशेषज्ञ डॉ विनीत जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान जिनका स्टेरॉयड डेक्सामिथाजोन, मिथाइल व प्रेडनिसोलोन आदि दी गई हों, जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया हो, कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट आदि की दवाइयां चल रही हों, उनमें ब्लेक फंगस होने की संभावना अधिक रहती है। यह बीमारी नाक बहने या ऑक्सीजन पाइप में दूषित पानी होने से हो सकती है। उनके पास रोजाना 6-7 रोगी ब्लेक फंगस से ग्रसित होकर पहुंच रहे हैं।