सीटी स्कोर 24/25, ऑक्सीजन 65%, फिर भी कोरोना को मात दे घर लौटे रामविलास

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बेहतर इलाज और सकारात्मक माहौल से कोविड केयर सेंटर में चमत्कार

कोटा। कोटा यूनिवर्सिटी में चिकित्सा विभाग व एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा संचालित किए जा रहे कोविड केयर सेंटर में बेहतर उपचार और सकारात्मक माहौल से अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। रविवार को यहां से प्रेमनगर निवासी रामविलास (38) डिस्चार्ज हुए, जिनका भर्ती होते समय एचआरसीटी स्कोर 25 में से 24 था तथा ऑक्सीजन लेवल 65 ही रह गया था। पेशे से प्राइवेट स्कूल में टीचर रामविलास का परिवार विपरीत परिस्थितियों के चलते आस खो बैठा था। कोविड केयर सेंटर में न केवल नया जीवन मिला वरन यहां मिले माहौल से इतनी सकारात्मक ऊर्जा मिली कि वे जल्द स्वस्थ होकर खुद चलकर घर लौटे।

रामविलास ने बताया कि घर पर 4-5 दिन हल्के बुखार के बाद 10 मई को तबियत नासाज लगी तो डॉक्टर्स की सलाह पर एचआरसीटी व अन्य जांचें करवाई। एचआरसीटी में लंग्स में इनफेक्शन का लेवल 25 में से 24 आया, मतलब 90 प्रतिशत इंफेक्शन था। ऑक्सीजन का लेवल चेक किया तो 71 आया और इसके बाद लगातार गिर रहा था। चिकित्सकों ने तुरंत भर्ती होने की बात कही। शहर के करीब आधा दर्जन से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल में गए तो वहां एडमिट नहीं किया, बोले कि इन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर की जरूरत है, मेडिकल कॉलेज ले जाओ। वहां पहुंचे तो वहां भी बेड खाली नहीं थे। भतीजे राजेन्द्र व परिजनों ने खूब निवेदन किया लेकिन कुछ नहीं हुआ।

भतीजे राजेन्द्र ने बताया कि हम आस खो बैठे थे। चिकित्सकों ने जवाब दे दिया कि ऑक्सीजन लगातार गिर रही है और तुरंत ऑक्सीजन नहीं मिली तो जीवन खतरे में आ जाएगा। मेडिकल कॉलेज में बहुत ज्यादा निवेदन करने के बाद उन्होंने कोटा यूनिवर्सिटी कोविड केयर सेंटर में रैफर लिखकर भेज दिया। यहां आए तो भर्ती करके तुरंत ऑक्सीजन लगा दी। तब इनका ऑक्सीजन लेवल 65 ही आ रहा था। इसके बाद प्रारंभिक उपचार शुरू किया। ऑक्सीजन लगने से कुछ राहत मिली।

राजेन्द्र ने बताया कि अगली सुबह चिकित्सकों ने जांच कि और आवश्यक दवाइयां दी। इसके साथ ही यहां एलन स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी द्वारा की जा रही गतिविधियों से सकारात्मक माहौल मिलना भी शुरू हुआ तो एक-दो दिन में ही अच्छा सुधार नजर आने लगा। लगातार पौष्टिक आहार, समय पर चाय, नाश्ता, फल, दूध मिला। एलन स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों द्वारा सुबह योगा और शाम को आरती के माहौल से बहुत सकारात्मकता आई। मैंने कभी योगा नहीं किया, यहां रहकर योगा करना शुरू किया। अब घर पर भी जारी रखूंगा। सात दिन तक इलाज के बाद चाचा स्वस्थ महसूस कर रहे हैं और चिकित्सकों ने छुट्टी कर दी है।

फाइब्रोसिस वाली स्टेज में बीमारी आगे बढ़ने की संभावना कम
सीटी स्केन रेडियोलॉजिकल इमेजिंग स्कोर होता है। पहली बात तो चिकित्सक की सलाह से ही सीटी स्केन करवाना चाहिए। दूसरी बात प्रॉपर टाइमिंग, प्रॉपर इनवेस्टीगेशन और प्रॉपर इलाज से मरीज जल्द ठीक हो सकता है। सीटी स्कोर देखकर मरीज को पैनिक नहीं होना चाहिए। रामविलास को ऑक्सीजन और स्टेरॉयड की जरूरत थी जो हमने दिया और जल्द ठीक हो गया। बीमारी की स्टेज का फर्क पड़ता है। फाइब्रोसिस वाली स्टेज में स्कोर ज्यादा आता तो है लेकिन बीमारी के आगे बढ़ने की संभावना कम होती है। इसलिए ज्यादा खतरनाक नहीं कहा जा सकता है। यदि बीमारी की शुरुआत में सीटी स्कोर जयादा है तो जान को खतरा है। इसके अलावा सकारात्मक माहौल का भी फर्क पड़ता है, जो यहां मिल रहा है।

ये है समर्पित चिकित्सकों की टीम
कोविड केयर सेंटर में चेस्ट फीजिशियन डॉ.विनोद जांगिड़ के निर्देशन में फिजिशिनयन डॉ.अनिल, डॉ.आकाश, डॉ.अनूप व डॉ.चेतन मरीजों का उपचार कर रहे हैं। कोविड सेंटर में नोडल अधिकारी डॉ.अतुल शर्मा को बनाया गया है, इनके साथ डॉ.भंवर रिणवा तथा डॉ.नवनीत पाराशर मिलकर व्यवस्थाएं देख रहे हैं।

ये है चुनौती
सहायक नोडल अधिकारी डॉ.भंवर रिणवा ने बताया कि कोविड केयर सेंटर प्रारंभिक इलाज के लिए शुरू किया गया अस्थाई केन्द्र है। सेंटर पर माइल्ड लेवल के मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। क्रिटिकल होने की स्थिति में मेडिकल कॉलेज अस्पताल रैफर किया जाता है। सभी अस्पतालों में कोविड के मरीजों की भरमार के चलते यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों व रेजीडेंट्स का भी अभाव है। इसके बावजूद सीमित संसाधनों और विशेषज्ञता के अभाव में भी ऐसे मरीजों का ठीक होना इस केयर सेंटर के लिए उपलब्धि है।

सभी के संयुक्त प्रयासों की जीत
मैं सभी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और एलन स्टॉफ के प्रयासों को सराहता हूं। क्योंकि इस स्तर की सफलता सभी के संयुक्त प्रयासों से ही संभव है। केयर सेंटर के स्तर पर यदि इस लेवल के मरीज स्वस्थ होते हैं तो इससे बड़ा योगदान नहीं हो सकता। बेहतर इलाज के लिए हमारे प्रयास जारी रहेंगे। – अतुल शर्मा, नोडल अधिकारी, कोविड केयर सेंटर