शियामीन। चीन में ब्रिक्स देशों का सम्मेलन शुरू हो गया है। सोमवार को इसके स्वागत समारोह के बाद हुए प्लेनरी सेशन में बोलेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शांति और विकास के लिए सहयोग जरूरी है।
उन्होंने मेक इन इंडिया के अलावा सरकार की कोशिशों का जिक्र करते हुए कहा कि हम मिशन मोड में ताकि देश से देश में गरीबी खत्म की जा सके, स्वास्थ्य बेहतर हो, स्वच्छता, लिंगानुपात जैसी चीजें बेहतर की जा सकें। उन्होंने ब्रिक्स देशों के बैंक को लेकर कहा कि इसने अब लोन देना शुरू कर दिया है।
इससे पहले सम्मेलन में पहुंचे पीएम मोदी का स्वागत चीनी राष्ट्रपति ने किया। इसके बाद सभी सदस्य देशों के प्रमुखों ने साथ में तस्वीर खिंचवाई। इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में आज इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन होगा और इसके बाद प्लेनरी सेशन होगा।
मोदी-जिनपिंग की मुलाकात पर नजर
डोकलाम विवाद के बाद इस बात पर दुनिया की नजर है कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात होगी या नहीं। वैसे उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों सम्मेलन के इतर मुलाकात कर सकते हैं।
भारत उठा सकता है पाक आतंकवाद का मुद्दा
इस सम्मेलन में एक बार फिर पीएम मोदी पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा सीमापार से फैलाए जा रहे आतंक का मुद्दा उठा सकते हैं। हालांकि, इससे पहले खबर आई थी कि चीन ने पीएम मोदी से ऐसा ना करने की अपील की है।
आतंकवाद पर यह बोले जिनपिंग
इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को ब्रिक्स देशों से सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए उसके ‘लक्षण और मूल कारणों’ से निपटा जाना चाहिए ताकि आतंकियों के छिपने की कोई जगह न हो।
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और द. अफ्रीका) बिजनेस फोरम के उद्घाटन भाषण में चिनफिंग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को भू-राजनीतिक हॉटस्पॉट मुद्दों को सुलझाने की प्रक्रिया में रचनात्मक हिस्सा लेकर उचित योगदान करना चाहिए।
उन्होंने भारत के साथ डोकलाम गतिरोध का सीधे जिक्र किए बिना कहा कि शांति और विकास के लिए ऐसे मुद्दों का हल किया जाना चाहिए। दुनिया संघर्ष और टकराव नहीं चाहती।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि जब हम सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समग्र दृृष्टिकोण अपनाएंगे और इसके लक्षण तथा मूल कारणों से निपटेंगे तब आतंकियों के छिपने की जगह नहीं होगी।’