राजकोट। Jeera Price: गुजरात तथा राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में जीरा के नए माल की आपूर्ति न केवल शुरू हो चुकी है बल्कि नियमित रूप से बढ़ती भी जा रही है। दूसरी ओर इसकी मांग सामान्य बनी हुई है इसके फलस्वरूप कीमतों में एक निश्चित सीमा में स्थिरता बनी हुई है। घरेलू एवं निर्यात में बढ़ोत्तरी होने तक जीरा का दाम सीमित दायरे में घूमता रह सकता है।
गुजरात की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में जीरा की औसत दैनिक आवक बढ़ते हुए 50-55 हजार बोरी तक पहुंच गई थी लेकिन कीमतों में नरमी का रुख बनने से आपूर्ति बाद में घटने लगी।
जीरा के वर्तमान मूल्य स्तर से उत्पादक संतुष्ट नहीं हैं लेकिन फिर भी छोटे-छोटे एवं मध्यम श्रेणी के उत्पादकों को जल्दी-जल्दी अपना नया माल बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उधर राजस्थान की मंडियों में भी 10-15 हजार बोरी जीरा की दैनिक आवक होने लगी है।
गुजरात में जीरा का बिजाई क्षेत्र गत सीजन के 5.61 लाख हेक्टेयर से 15.10 प्रतिशत घटकर इस बार 4.77 लाख हेक्टेयर के आसपास अटक गया लेकिन फिर भी यह आंकड़ा सामान्य औसत क्षेत्रफल 3.81 लाख हेक्टेयर से करीब 25 प्रतिशत अधिक रहा।
जीरे की फसल को इस बार प्रतिकूल मौसम अथवा प्राकृतिक आपदाओं का विशेष प्रकोप नहीं झेलना पड़ रहा है। राजस्थान के कुछ जिलों में वर्षा की कमी एवं भारी गर्मी का माहौल बना हुआ है लेकिन इससे जीरे की फसल को ज्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है।
ऊंझा मंडी में जीरा के दाम में प्रति 20 किलो पर 40 से 150 रुपए की तेजी-मंदी देखी जा रही है। जीरा का निर्यात प्रदर्शन संतोषजनक चल रहा है क्योंकि सीरिया, तुर्की एवं अफगानिस्तान जैसे अन्य उत्पादक एवं निर्यातक देशों में जीरे का निर्यात योग्य स्टॉक बहुत कम रह गया है। सीरिया में जबरदस्त अशांति है इसलिए वहां जीरा का अगला उत्पादन भी कमजोर होने की संभावना है।