मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना कागजी साबित हुई, नहीं मिल रहा इलाज

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कोटा। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (Mukhyamantri Chiranjeevi Yojana) के तहत पंजीकृत लाभार्थी को निजी अस्पताल में भर्ती नहीं करने पर पीड़ितों ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पोस्ट किया। जिसमें पीड़ित परिजन का कहना है कि उनके पास मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का कार्ड है । उनके मरीज की तबियत खराब होने पर श्रीनाथपुरम स्थित शांति हॉस्पिटल गए थे। वहां पहले तो बेड खाली होने की बात कही।

फॉर्म भरते समय उनको मुख्यमंत्री चिंरजीवी योजना का कार्ड दिखाया और योजना के तहत भर्ती करने को कहा। तो अस्पताल के काउंटर पर बैठे कार्मिक ने इस कार्ड की सुविधा नहीं होने की बात कही। योजना के तहत भर्ती करने से साफ मना कर दिया। और कहा कि आपको भर्ती करना है तो रोज 7500 रुपये लगेंगे। उसमें भी वेंटिलेटर की सुविधा हमारे पास नहीं है। मजबूरन वहां से दूसरे हॉस्पिटल गए। वहां जाकर पैसा जमा करवाया। तब जाकर मरीज को भर्ती किया गया।

एक अन्य परिजन ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया है। जिसमें शहर के किसी भी निजी अस्पताल में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ नहीं मिलने की बात बताई। परिजन ने वायरल वीडियो में अपने पीड़ा को बयां किया है। पीड़ित परिजन का कहना है कि मरीज को लेकर कोटा हार्ट अस्पताल गए थे। वहां रिसेप्शन पर ही साफ मना कर दिया। योजना का लाभ इस अस्पताल में नहीं मिलता। वहां मेवाड़ हॉस्पिटल गए। वहां चिरंजीवी योजना के तहत भर्ती करने की बात कहीं तो अस्पताल ने बेड खाली नहीं होना बताया। उसके बाद शांति हॉस्पिटल गए तो वहां भी योजना के तहत भर्ती करने से इनकार कर दिया।

वीडियो वायरल होने के बाद योजना में शामिल 3 निजी अस्पतालों के हाल जाने। मेवाड़, शांति व ओपेरा हॉस्पिटल में लगे नोडल अधिकारियों से बात की। नोडल अधिकारियों ने इस बारे में ज्यादा जानकारी होने से इनकार कर दिया। अधिकारियों का कहना था कि अस्पताल व प्रशासन के बीच समन्वय बनाने को लेकर जिम्मेदारी दी गई है। ऑक्सीजन, इंजेक्शन डिमांड व बेड उपलब्धता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

सीएमएचओ डॉ बीएस तंवर का कहना कि योजना में शहर के 4 निजी अस्पताल शामिल है। अस्पताल से रोज आंकड़े लेते है। अभी तक एक भी मरीज सामने नहीं आया। हो सकता है कि कोई मरीज गया ही ना हो। अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है।

शांति हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी लखन लाल गुप्ता से बात की। उन्होंने बताया कि योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। मैंने अस्पताल में बात की तो सामने आया कि अभी तक कोई भी पंजीकृत लाभार्थी भर्ती होने नहीं आया है।

मेवाड़ हॉस्पिटल की नोडल अधिकारी दीप्ति रामचन्द्र ने बताया कि वो खुद कोविड पॉजिटिव आई है। अस्पताल नहीं गई। पता करके बता सकती हूं। उन्होंने कहा आप सहायक नोडल अधिकारी से बात कर जानकारी ले लें। डॉक्टर कृष्ण गोपाल सिंघल के फोन लगाया तो उन्होंने जानकारी होने से इनकार किया।

ओपेरा हॉस्पिटल की नोडल अधिकारी कृष्णा शुक्ला ने बताया कि मुझे तो ये पता नहीं की अस्पताल योजना में शामिल है या नहीं। पूछ कर ही बताएंगी योजना का डेटा हमारे पास नहीं है। योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थी को भर्ती नहीं करने का मामला मेरी जानकारी में नही है। शिकायत आएगी तो देखेंगे।