चिकित्सा मंत्री शर्मा की गलती का खामियाजा भुगत रहा राजस्थान

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जयपुर। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के साथ गलत किया। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने पंजाब को रेमडेसिविर नहीं दिए होते तो आज 10 हजार इंजेक्शन राजस्थान के पास होते। इसके लिए मरीजों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। रेमडेसिविर की कालाबाजारी भी नहीं होती। अब मंत्री अपने गलत फैसले पर सफाई दे रहे हैं। मंगलवार देरशाम को दिल्ली में पत्रकारों के सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा- हमने जब पंजाब को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए तब हमारे पास केस बहुत कम थे। पंजाब में केस बहुत ज्यादा आ रहे थे। इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट 3 महीने के आस पास रहती है। हमारे पास जो इंजेक्शन थे, उनकी एक्सपायरी डेट 30 अप्रैल थी। उस वक्त पंजाब के मुख्यमंत्री ने हमसे रेमडेसिविर देने का अनुरोध किया, इसलिए हमने उनको यह इंजेक्शन दे दिए।

मंत्री ने कहा कि पंजाब को देने से राजस्थान में रेमडेसिविर की कमी नहीं आई है। पंजाब को रेमडेसिविर इंजेक्शन देकर हमने ठीक किया। हमारे पास जो इंजेक्शन थे, उनकी एक्सपायरी डेट 30 अप्रैल थी, राजस्थान में केस अचानक बढ़ गए वरना यहां पड़े-पड़े ही एक्सपायर हो जाते। सवाल ये खड़ा होता है कि 30 अप्रैल तक तो हज़ारों लोगों को इंजेक्शन लग जाते।

बता दें कि राजस्थान में कोरोना के हालात बेकाबू होने के एक पखवाड़े पहले ही रेमडेसिविर के 10 हजार से ज्यादा इंजेक्शन पंजाब भेजे गए थे। कोरोना के मामले बढ़ने पर मुख्यमंत्री ने 21 मार्च को 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू सहित कई पाबंदियों को फैसला किया। अगले ही दिन 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप पंजाब रवाना की गई थी। इसमें सीएम अशोक गहलोत की सहमति जरूर रही होगी।

नाइट कर्फ्यू लगाने के अगले दिन 10 हजार इंजेक्शन पंजाब भेजे
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 मार्च को जयपुर सहित ज्यादा संक्रमण वाले आठ शहरों में नाइट कर्फ्यू लगाने और दूसरी कई तरह की पाबंदियां लगाने का फैसला किया। उस वक्त मामले बढ़ने शुरू हो गए थे। कोरोना कोर ग्रुप के एक्सपर्ट ने बहुत पहले चेताया तभी मुख्यमंत्री ने नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री की इस बैठक के 10 घंटे बाद ही स्वास्थ्य मंत्री शर्मा ने 22 मार्च की सुबह 10 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की वैन पंजाब रवाना की थी। पंजाब रेमडेसिवर इंजेक्शन भेजना मानवीय आधार पर सही हो सकता है लेकिन मंत्री के तर्क पर सवाल उठ रहे हैं।