कोटा। बीई बीटेक के लिए शुक्रवार को जेईई-मेन की तीसरे दिन की परीक्षा हुई। परीक्षा कम्प्यूटर बेस्ड मोड पर दो पारियों में हुई। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि विद्यार्थियों के फीडबैक एवं सीसेट पर प्राप्त रिस्पाॅन्सेज के आधार पर शुक्रवार को सुबह की पारी में कैमिस्ट्री कठिन जबकि फिजिक्स व मैथ्स का पेपर सामान्य रहा। जबकि शाम की पारी में कैमिस्ट्री व फिजिक्स आसान जबकि मैथ्स तुलनात्मक रूप से लेंदी व मुश्किल रहा। इस बार जेईई मेन फरवरी अटैम्प्ट में एसरशन-रीजन पैटर्न के सवाल सिर्फ अंतिम दिन के पेपर में पूछे गए हैं।
कैमिस्ट्री: जेईई मेन फरवरी अटैमप्ट के अंतिम दिन सुबह की पारी में कैमिस्ट्री के पेपर में थ्योरीटिकल पार्ट अधिक होने से स्टूडेंट्स को पेपर कठिन लगा। जिसमें कैरेक्टराइजेशन ऑफ़ आर्गेनिक कम्पाउण्ड, लेन्थेनाइड एवं सेपरेशन टेक्निक्स का वेटेज ज्यादा रहा। फिजीकल कैमिस्ट्री में काइनेटिक्स, इक्वीलिबीरियम, थर्मो लिक्विड साॅल्युशन एवं एक सवाल सिग्नीफिकेन्ट डिजीट से भी आया।
ऑर्गेनिक में प्रेक्टिकल ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री, नियोप्रीन पाॅलीमर व एमीन सेसवाल पूछे गए। इनऑर्गेनिक में हाइड्रोजन बाॅन्डिंग से दो सवाल, आयोनाइजेशन एनर्जी, साल्वे प्रक्रम, काॅर्बोनिल काॅम्पलेक्स एवं डाइक्रोमेट की अभिक्रियाओं से संबंधित दो सवाल भी पूछे गए थे। शाम की पारी का पेपर तुलनात्मक रूप से आसान था। सेक्शन 1 में ऑर्गेनिक व इनऑर्गेनिक के सवाल ज्यादा थे। फिजीकल कैमिस्ट्री में इलेक्ट्रो कैमिस्ट्री व सरफेस कैमिस्ट्री से आसान सवाल पूछे गए थे।
फिजिक्स: जेईई मेन परीक्षा में अंतिम दिन फिजिक्स के दोनों पेपर आसान रहे। सुबह की पारी में केपेसिटर के एक सवाल को छोड़कर अन्य सवालों को स्तर एवरेज ही रहा। चैप्टरवाइज दोनों पेपर संतुलित थे। मुख्य रूप से जेईई मेन वाले टाॅपिक जैसे सेमीकंडक्टर, कम्यूनिकेशन, लाॅजिक गेट्स कवर किए गए थे। ग्रेवीटेशन व मैकेनिक्स का भी कवरेज अच्छा रहा। जबकि ऑप्टिक्स व इलेक्ट्रोस्टेट्स का वेटेज कम रहा।
मैथ्स: मैथ्स का सुबह का पेपर आसान रहा। डिटरमिनेन्ट्स, क्वाड्रेटिक, मेट्रिक्सेस व थ्री डी वेक्टर जैसे टाॅपिक्स से आसान व फाॅर्मूलाबेस्ड सवाल पूछे गए। इसके अलावा इंटीग्रेशन, पी एंड सी, लिमिट एंड कन्ट्यूनिटी एवं रिलेशंस जैसे टाॅपिक्स से सवाल पूछकर स्टूडेंट्स की मैथ्स स्किल को परखा गया। शाम की पारी में मैथ्स का पेपर काफी कठिन था। कैलकुलेशन ज्यादा होने से विद्यार्थियों को पेपर साॅल्व करने में ज्यादा समय लगा। इसके अलावा शाम की पारी में 12वीं कक्षा के सिलेबस का वेटेज ज्यादा था।