राजस्थान बजट LIVE : छोटे कारोबारियों को 50 करोड़ तक की ब्याज सब्सिडी

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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान का 2021-22 का बजट पेश कर रहे हैं। वित्त विभाग उन्हीं के पास है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के रूप बजट भाषण की शुरुआत कोरोना से की। उन्होंने कहा कि कोरोना में हमारा एक वर्ष सबके लिए कठिन रहा है। मुश्किल दौर था। कोरोना की शुरुआत से ही निरंतर मॉनिटरिंग की गई। कुशल प्रबंधन किया गया। इसकी प्रशंसा पूरे देश में हुई है।.

उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं वीसी से राजनीतिक दलों, विधायकों, मीडिया बंधुओं, धर्म गुरुओं आदि से 109 बार संपर्क किया। कोई कमी नहीं रह जाए, इसके कारण कोरोना नियंत्रण के मानकों में राज्य बेहतर स्थिति में रहा है। कोविड जांच भी सुनिश्चित की गई। मानव धर्म निभाते हुए हमारा संकल्प था कि कोई भूखा न सोए। ऐसा हम संकल्प पूरा कर पाए। कोरोना कम हुआ, लेकिन खत्म नहीं हुआ। थड़ी ठेले लगाने वाले व छोटे व्यापारियों पर संकट कम नहीं हुआ है। मैं विशेष कोविड पैकेज की घोषणा करता हूं। आगामी वर्ष में अंतिम किश्त के रूप में ऐसे परिवारों को 1000 रुपए प्रत्येक के लिए घोषणा करता हूं।

राजस्थान बजट हाइलाइट्स

  • इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड की घोषणा- पांच लाख को ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा।
  • लघु उद्यमियों को 50 करोड़ रुपए की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। पांच लाख रुपए प्रति स्टार्टअप सहायता दी जाएगी।
  • विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री सहित कई सुविधाओं की घोषणा। पाठ्यपुस्तक व स्कूल यूनिफॉर्म निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
  • गहलोत ने कहा कि कार्य परिश्रम से ही सफल होते हैं, इसी भावना से हमारी सरकार ने काम किया है। हमने दो साल में जनघोषणा के आधे से अधिक वादे पूरे किए हैं। अब आगे भी करेंगे।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य- हमारे नवाचारों को और आगे बढ़ाएंगे। सभी को स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करने के लिए राज्य हैल्थ बिल भी लाया जाएगा। देश में अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
  • आगामी वर्ष से हम 3500 करोड़ रुपए की लागत से यूनिवर्सल हैल्थ योजना लागू करेंगे।
  • राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए की चिकित्सा बीमा योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। राजस्थान के प्रत्येक जिलों में यानी शेष 25 जिलों में नर्सिंग महाविघालय खोले जाएंगे। पब्लिक हैल्थ को देखते हुए सभी संभाग मुख्यालयों पर पब्लिक हैल्थ कॉलेज खोले जाएंगे।
  • जांचों की संख्या पीएचसी में 15 से बढ़ाकर 61, जिला अस्पतालों में 133 जांचें मुफ्त होंगी। महात्मा गांधी अस्पताल व सीकर में नए चिकित्सालय खुलेंगे। पाली अस्पताल, चूरू, बाड़मेर में चिकित्सालय भवन बनेंगे।
  • जोधपुर में नए डायग्नोस्टिक विंग बनेगी। जयपुर के गणगौरी अस्पताल में भी नई विंग बनेगी।
  • प्रदेश में बाड़मेर, दातारामगढ़, सीकर, शिवाना-बाड़मेर, सपोटरा, कटोरी हिंडौन, करौली सहित 30 नए पीएचसी खोले जाएंगे।
  • 50 अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को क्रमोन्नत किया जाएगा। कुछ सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे।
  • शाहपुरा जयपुर व फतेहपुर के उपजिला अस्पतालों को क्रमोन्नत किया जाएगा।
  • अजमेर में राजस्थान आयुष अनुसंधान केंद्र खोला जाएागा। मेडिकल कॉलेज जोधपुर में गठिया रोग के लिए विभाग व बच्चों के लिए पीडियाट्रिक्स विभाग खोले जाएंगे। पावटा अस्पताल में बैड बढ़ाकर 300 किए जाएंगे।
  • एसएमएस कॉलेज में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग, न्यूरोलौजी विभाग, आंकोलॉजी विभाग खोले जाएंगे। हार्ट लंग व टर्मरिक सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा। जोधपुर में रीजनल कैंसर सेंटर की स्थापना होगी।
  • राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस, यूनानी व होम्योपैथी चैंबर स्थापित किए जाएंगे।
  • जयपुर, बीकानेर, भरतपुर आदि में यूनानी व आयुर्वेद महाविद्यालय खोले जाएंगे। टैस्टिंग लैब की स्थापना की जाएगी।
  • मेडिकल टूरिज्म सेंटर की स्थापना पीपीपी मोड पर। दूरस्त शिक्षा के लिए चिकित्सकों का विशेष पैनल बनाया जाएगा।
  • प्रदेशवासियों को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान निरंतर चलाने के लिए डायरेक्टरेट ऑफ फूड सेफ्टी बनाने की घोषणा।
  • सड़क दुर्घटनाओं को बचाने के लिए जीवन रक्षक योजना के तहत जीवन बचाने वाले भले व्यक्ति को 5000 रुपए व प्रशस्ती पत्र दिए जाएंगे।
  • राज्य के राजमार्ग व मुख्य सड़कों पर ओवरस्पीड व ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए योजना।
  • 40 सीएचसी को प्राइमरी ट्रोमा सेंटर में क्रमोन्नत किया जाएगा।
  • कोविड 19 में डिजिटल शिक्षा- समस्त सरकारी स्कूलों में स्मार्ट टीवी व सेटटॉप बॉक्स की सुविधा दी जाएगी। आवासीय स्कूलों में इंटरनेट कनेक्टशन, फ्री वाईफाई।
  • 5000 की आबादी वाले गांवों में 1200 महात्मा गांधी राजकीय स्कूल खुलेंगे।
  • 600 स्कूलों में कृषि संकाय खुलेंगे। 3500 से अधिक क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी आदि बनाए जाएंगे।
  • 37400 आंगनवाड़ी केंद्रों, अंग्रेजी स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध कराए जाएंगे। 50 सरकारी स्कूल खुलेंगे व 100 स्कूल क्रमोन्नत होंगे।
  • शांति अहिंसा प्रकोष्ठ को शांति व अहिंसा निदेशालय में बदला जाएगा।

कोरोना का असर वाला होगा डिजिटल बजट
इस बार बजट के सभी दस्तावेज डिजिटल मोड में तैयार किए गए हैं। बजट पर कोरोना का असर है, क्योंकि सरकार की आय में कमी हुई है। बजट में मेडिकल पर सबसे ज्यादा फोकस है, मेडिकल के बजट में 30 फीसदी की बढोतरी तय मानी जा रही है। साथ ही सामाजिक सेक्टर, युवाओं और किसानों पर भी फोकस किया है। राज्य में उद्योगों को फोकस करते हुए कई प्रावधान इस बजट में होंगे। उम्मीद यही है कि राज्य में नए उद्योग लाने के लिए प्रक्रिया के सरलीकरण पर जोर हो सकता है।

टैक्स-वैट
जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद राज्यों के पास आबकारी, पेट्रोलियम जैसे सैक्टर पर ही वैट या किसी प्रकार के टैक्स की व्यवस्था रह गई है। ऐसे में सरकार तंबाकू-शराब जैसे उत्पादों पर टैक्स बढा़ कर राजस्व बढ़ाने की कोशिश करेगी। वहीं, जिसकी उम्मीद राज्य की जनता कर रही है- पैट्रोल व डीजल पर वैट कम करने की, तो ऐसा नहीं होने जा रहा है।