नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बाद चर्चा में आया टूलकिट जिससे देश की छवि को खराब करने की साजिश रची जा रही थी इसमें दिल्ली पुलिस की जांच में बहुत ही अहम खुलासे से मामला बेहद सनसनीखेज हो गया है। टूलकिट मामले के अहम आरोपित शांतनु मुकुल के बारे में दिल्ली पुलिस के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार वह 20 से 27 जनवरी तक टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों के बीच बिताया था। इस दौरान उसने कई किसान नेताओं से गोपनीय मीटिंग की थी।
माना जा रहा है कि उपद्रव के मसले पर ही उसने रणनीति तैयार की हो। उसके मोबाइल के लोकेशन से इस बात की जानकारी मिली है। हालांकि साइबर सेल के अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। उनका कहना है कि शांतनु के पकड़े जाने पर पूछताछ के बाद ही इस बारे में पता चल सकेगा।
शांतनु का पूरा नाम शांतनु मुकुल है। यह पेशे से इंजीनियर है और देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र के बीड़ का रहने वाला है। बताया जाता है कि खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) से जुड़ा है। इसने टूलकिट के डॉक्यूमेंट तैयार किए थे। जिसे लोगों तक पहुंचाया गया है 26 जनवरी को किसान आंदोलन में जो हिंसा हुई है उस दौरान ट्विटर पर कई चीजों को ट्रेंड कराने की कोशिश की गई।
बता दें कि किसान आंदोलन दिल्ली के कई बॉर्डर पर पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से चल रहा है। हरियाणा की तरफ से जुड़े दिल्ली के टिकरी और सिंघु बॉर्डर और उत्तर प्रदेश की तरफ से दिल्ली के बॉर्डर यूपी गेट पर किसान अपनी मांग के लिए अड़े हुए है। इनकी मांग है कि सरकार नए कृषि कानून को खत्म करे तभी ये लोग अपना धरना खत्म करेंगे। इसी दौरान इन लोगों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कही।