नई दिल्ली। टीआरपी को लेकर मचे घमासान के बीच ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने बड़ा फैसला किया है। टीवी रेटिंग्स जारी करने वाली यह संस्था फिलहाल न्यूज चैनलों की साप्ताहिक रेटिंग्स जारी नहीं करेगी। टीआरपी से छेड़छाड़ का मामला फिलहाल अदालत में है। BARC ने 12 हफ्ते के लिए रेटिंग्स न जारी करने का फैसला किया है। नैशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने इस कदम का स्वागत किया है। हालांकि NBA अध्यक्ष रजत शर्मा ने यह भी कहा कि BARC को महत्वपूर्ण फैसले करते वक्त उससे सलाह लेनी चाहिए।
BARC ने प्रस्ताव दिया है कि उसकी तकनीकी समिति टीआरपी का डेटा मापने के वर्तमान सिस्टम का रिव्यू करेगी। उसे और बेहतर किया जाएगा। यह कवायद हिंदी, अंग्रेजी और बिजनस समाचार चैनलों पर तत्काल रूप से लागू की जाएगी। इसमें 8 से 12 हफ्तों का समय लग सकता है।
TRP घोटाले में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने झूठ बोला
इंडिया टुडे और कुछ चैनल्स (रिपब्लिक भारत नहीं ) सिस्टम में सेंध लगाकर रेटिंग्स में फर्जीवाड़ा कर रहे थे। जिन घरों में टीआरपी के मीटर लगे होते थे, उन्हें पैसे देकर अपना चैनल ऑन करके छोड़ने को कहा जाता था। इससे BARC की वीकली रेटिंग्स पर खासा असर पड़ता था। मुंबई पुलिस के पास दर्ज FIR में भी इंडिया टुडे चैनल का नाम था, फिर भी मुंबई पुलिस कमिश्नर परमजीत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपब्लिक भारत चैनल का नाम लेकर उसे बदनाम करने की कोशिश की। बाद में चैनल ने पुलिस कमिश्नर के झूठ पर्दाफाश कर दिया था।