जयपुर। राजस्थान में बगावत थमने के बाद 15वीं विधानसभा का 5वां सत्र शुक्रवार को 11 बजे शुरू हुआ। स्पीकर सीपी जोशी के संबोधन के बाद कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दी गई। विश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर चुके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान की जनता, कांग्रेस विधायकों की एकजुटता और सत्य की जीत होगी।
सदन में बैठक व्यवस्था भी बदली गई है। डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट अब अशोक गहलोत के बगल वाली सीट पर नहीं बल्कि दूसरी लाइन में बैठे। उनके लिए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल वाली 127 नंबर की सीट अलॉट की गई है। गहलोत के पास वाली सीट पर आज मंत्री शांति धारीवाल बैठे।
पायलट के साथ ही पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की सीट भी बदली है। विश्वेंद्र को आखिरी लाइन में 14 नंबर सीट और मीणा के लिए पांचवीं लाइन में 54 नंबर की सीट दी गई है। कोरोना की वजह से भी विधायकों को दूर-दूर बैठाया गया। इसके लिए 45 से ज्यादा अतिरिक्त सीटें लगाई गईं हैं। सदन में हंगामे की आशंका को देखते हुए सोफे और कुर्सियों को चेन से बांधकर रखा गया है।
भाजपा इस तरह सरकार को घेरेगी
कांग्रेस से पहले भाजपा ने भी गुरुवार को अपने विधायकों के साथ बैठक की। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए। वसुंधरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता के लिए कुछ नहीं किया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। सरकार एक महीने से बाड़े में बंद है। प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाओं की अनदेखी की जा रही है।
फोन टेपिंग से जुड़े सवाल को हटाया गया
सत्र के लिए 2 दिन का प्रश्नकाल तय हुआ है। 500 से ज्यादा सवाल अभी तक विधानसभा के रिकॉर्ड पर लिए गए हैं। 17 और 18 अगस्त के प्रश्नकाल के लिए अभी तक चुने गए सवालों में से फोन टेपिंग से जुड़ा सवाल बाहर कर दिया गया है। जबकि, बीजेपी फोन टेपिंग को प्रमुख मुद्दा बना कर सरकार को घेरने का ऐलान कर चुकी है।