एक लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल, तो भरना होगा आयकर रिटर्न

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नई दिल्ली। सीबीडीटी ने Income Tax और Income Tax Return के नियमों में बदलाव कर दिया है। अब नई व्‍यवस्‍था के दायरे में बिजली के बिल को भी शामिल किया गया है। यह तय किया गया है कि एक निश्चित राशि का बिल यदि भरा जाता है तो वह भी ITR आईटीआर यानी इनकम टैक्‍स रिटर्न की श्रेणी में होगा और बिल जमा करने वाले को Income Tax Return दाखिल करना होगा।

वित्त वर्ष 2019-20 और मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के नए फार्म जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत अगर पिछले वित्त वर्ष में आपने बिजली बिल मद में एक लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया है तो यह जानकारी भी ITR भरने के दौरान अनिवार्य रूप से देनी पड़ेगी। बीते वित्त वर्ष के दौरान खुद या किसी अन्य की विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं तो इसकी जानकारी भी देनी होगी।

कोरोना संकट के चलते सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान टैक्स बचत के लिए निवेश की अवधि को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया था। फॉर्म में इस वर्ष पहली अप्रैल से 30 जून तक किए जाने वाले निवेश की जानकारी के लिए अलग कॉलम दिया गया है। ITR-1 के साथ आइटीआर-2, 3, 4, 5, 6 व 7 को भी अधिसूचित किया गया है। इनकम टैक्स के ई-पोर्टल पर नया फॉर्म अपलोड करने के बाद ही रिटर्न भरने का काम शुरू होगा।

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50 लाख की आय और मकान को लेकर यह नियम
अधिसूचना के मुताबिक सालाना 50 लाख रुपये तक वेतन पाने वाले अगर एक मकान रखते हैं तो उन्हें रिटर्न दाखिल करने के लिए ITR-1 सहज फॉर्म भरना होगा। रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख इस वर्ष के लिए 30 नवंबर होगी। इस बार आइटीआर फॉर्म भरने के दौरान तीन नई जानकारी देनी होगी। इनमें बिजली बिल और विदेश यात्रा की जानकारियों के अलावा यह है कि अगर आपने पिछले वित्त वर्ष (2019-20) के दौरान अपने करंट अकाउंट में एक करोड़ रुपये से अधिक जमा किया है तो ITR में इसे विस्तृत रूप में बताना होगा।

कारोबारियों को यह करना होगा
ITR-2 आवासीय प्रॉपर्टी से आमदनी प्राप्त करने वाले भरते हैं। ITR-3 व 6 कारोबार व व्यापार से संबंधित है। ITR-4 सुगम 50 लाख तक वाले प्रोफेशनल्स, एचयूएफ व फर्म (एलएलपी को छोड़कर) के लिए है। ITR-5 एलएलपी कारोबार वालों के लिए होता है। ITR-7 वे भरते हैं जिन्हें चैरिटेबल ट्रस्ट जैसी प्रॉपर्टी से आय होती है।