नई दिल्ली।देश के मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने बजट से पहले अहम बयान दिया है। टैक्स चोरी को अपराध और सामाजिक अन्याय बताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा नागरिकों पर अधिक या मनमाना टैक्स लगाना भी समाज के प्रति अन्याय है। चीफ जस्टिस ने इसके लिए पुराने समय में प्रचलित टैक्स कानूनों का भी उदाहरण दिया।
इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल के 79वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ने कहा कि नागरिकों से टैक्स उसी तरह वसूला जाए, जिस तरह मधुमक्खी फूलों को नुकसान पहुंचाए बिना रस निकालती है।’ बोबडे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का बजट पेश करने जा रही हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि टैक्स जूडिशरी का देश के लिए संसाधन जुटाने में अहम योगदान है। उन्होंने लंबित केसों को लेकर चिंता भी चाहिर की। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और सीईएटीएटी में लंबित इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़े केसों में दो साल में 61 फीसदी की कमी आई है।