नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत के युवा प्रतिभा (यंग टैलेंट) भारत के लिए लाभांश है और हम उन युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए कई प्रकार के जमीनी काम कर रहे हैं। इनमें स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना से लेकर उनके कौशल विकास जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।
उन्होंने ब्लूमबर्ग समिट में कहा कि डिग्री से ज्यादा स्किल की जरूरत है और वह स्किल हर स्तर पर हो। प्रधानमंत्री ने देश के कार्यक्रम के बारे में कहा कि हम नए-नए प्रकार की नौकरियों की संभावना के मुताबिक स्किल प्रोग्राम कर रहे हैं। भारत वैश्विक जरूरतों के मुताबिक अपने युवाओं को तैयार कर रहा है। उनके मुताबिक पाठ्यक्रमों को तैयार किया जा रहा है।
जलवायु परिवर्तन के मामले में भारत के योगदान एवं भारतीय परिप्रेक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने 1.75 लाख मेगावाट रिन्युएबल एनर्जी की स्थापना का लक्ष्य रखा था, इनमें से हमने 1.2 लाख मेगावाट का लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत 4.50 लाख मेगावाट रिन्युएबल एनर्जी की स्थापना करेगा। इस दिशा में नीति बनाने की शुरुआत की जा चुकी है।
सरकार रिन्युएबल एनर्जी के प्रोत्साहन के लिए इंसेंटिव दे रही है। मोदी ने कहा कि मानव व्यवहार को प्रकृति के साथ जोड़कर चलने पर ही जलवायु परिवर्तन की समस्या से पार पाया जा सकता है। उन्होंने ब्लूमबर्ग से कहा कि भारतीय पृथ्वी को अपनी माता मानते हैं और हमें पृथ्वी का शोषण करने का कोई अधिकार नहीं है।
अंग्रेजी भाषा में चलने वाली न्यायिक प्रणाली भारत की खासियत
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्लूमबर्ग को कहा कि हम 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल करने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। भारत यह काम दुनिया से अलग-थलग रहकर नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत की दो खासियत दुनिया के निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करती है।
पहली खासियत है भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और दूसरी खासियत है भारत की न्यायिक प्रणाली और जो अंग्रेजी भाषा में चलती है। इसलिए भाषा के आधार पर किसी चीज की व्याख्या में कोई अंतर नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हम इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के साथ आर्गेनिक फार्मिंग, फूड प्रोसेसिंग जैसी चीजों पर जोर दे रहे हैं। मोदी ने यह भी कहा कि पिछले 5 सालों में भारत में 286 अरब डॉलर का निवेश किया गया है।
कोल गैसीफिकेशन के लिए दुनिया को न्योता
कोयले से होने वाले प्रदूषण के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि कोयले की खपत में भारत का दुनिया में तीसरा स्थान है, लेकिन हम कोल गैसीफिकेशन पर जोर दे रहे हैं। इस दिशा में काम करने के लिए हम दुनिया को अपने देश में न्योता दे रहे हैं।