आयकर रिटर्न नहीं भरा तो लगेगा 31 अगस्त के बाद इतना जुर्माना

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नई दिल्ली।आपको इनकम टैक्स रिटर्न ( ITR) हमेशा निर्धारित समय-सीमा के भीतर भर देना चाहिए। इस साल रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है। कई बार परिस्थितियां अलग होती हैं। अगर आप समय पर रिटर्न नहीं भर पाते हैं तो आप निर्धारित तिथि के बाद भी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है। आइए, जानते हैं इससे जुड़े नियम और कितना लग सकता है जुर्माना।

देर से आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना
समय-सीमा के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने का ऐलान बजट 2017 में किया गया था, जो आकलन वर्ष 2018-19 से लागू हो गया, जिसमें वित्त वर्ष 2017-18 का आईटीआर फाइल किया गया था। उससे पहले संबंधित आकलन वर्ष की समय-सीमा पार करने के बाद जुर्माना लादने का पूरा अधिकार असेसिंग ऑफिसर के पास होता था। अब इनकम टैक्स ऐक्ट में सेक्शन 234एफ डाल दिया गया जिसके तहत लेट फाइलिंग पर जुर्माना तय कर दिया है।

कब, कितना देना होगा जुर्माना

ITR फाइलिंग की तारीखजुर्माने की रकम
31 अगस्त, 2019 के बाद, लेकिन 31 दिसंबर, 2019 से पहलेपांच हजार रुपये
1 जनवरी से 31 मार्च, 2020 तक10 हजार रुपये

सालाना 5 लाख रुपये तक की कुल आमदनी वाले छोटे करदाताओं से ज्यादा-से-ज्यादा 1 हजार रुपये ही वसूले जा सकते हैं। यानी, ऐसे टैक्सपेयर्स 31 अगस्त, 2019 के बाद और 31 मार्च, 2020 के तक जब भी आईटीआईर फाइल करेंगे, उन्हें लेट फाइन के तौर पर 1 हजार रुपये ही लगेंगे।

ध्यान रहे कि अगर किसी इंडिविजुअल की ग्रॉस टोटल इनकम, टैक्स छूट की सीमा को पार नहीं करती है तो उसे 31 अगस्त, 2019 के बाद और 31 मार्च, 2020 तक आईटीआर फाइल करने पर भी लेट फाइन नहीं देना होगा। मौजूदा आयकर कानून के तहत टैक्स छूट की सीमा में आने वाली सालाना आय इस प्रकार है

रेजिडेंट इंडिविजुअल की उम्रबेसिक इग्जेंप्शन लिमिट (रुपये में)
60 वर्ष से नीचे – ढाई लाख रुपयेढाई लाख रुपये
60 वर्ष से 80 वर्ष तक (वरिष्ठ नागरिक)तीन लाख रुपये
80 वर्ष से ऊपर (अति वरिष्ठ नागरिक)पांच लाख रुपये

इस मामले में लेट फाइलिंग में एक झोल है। अगर भारत में रह रहे इंडिविजुअल को विदेशी की संपत्तियों से आमदनी हो रही हो और वह देर से आईटीआर फाइल कर रहा हो तो उसे लेट फाइलिंग फीस देनी होगी, भले ही उसकी आमदनी टैक्स छूट के दायरे में ही हो।