कोटा। राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर कोटा में युवा एवं रोजगार दिवस आयोजित किया गया। समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने करीब आठ हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। इनमें कुछ अनुकंपा नियुक्ति वाले भी हैं।
जयपुर के बम ब्लास्ट पीड़ित परिवार की एक युवती अनाक्षी जायसवाल को भी नौकरी मिली है। अनाक्षी का कहना है कि जयपुर में 13 में 2008 को हुए बम ब्लास्ट में उनकी मां भुवनेश्वरी जायसवाल की जान चली गई थी। उन्हें जयपुर कलेक्ट्रेट में जूनियर असिस्टेंट के पद पर नौकरी मिली है।
अनाक्षी का कहना था कि वे वर्तमान में गुर्जर की थड़ी जयपुर में रहते हैं। उनकी मां की मौत चांदपोल हनुमान मंदिर पर हुए ब्लास्ट में 27 साल की उम्र में ही हो गई थी। उस समय वे और उनकी बहन अक्षिता महज 6 साल की थी। दोनों जुड़वां बहनों को पिता यशवंत जायसवाल ने पालन पोषण कर बड़ा किया। इसके बाद अब जब मेरी नौकरी लगी है तो इसके लिए काफी मेहनत हमने की। सरकारी दफ्तरों के काफी चक्कर काटे हैं, तब जाकर यह नौकरी हाथ में आई है।
अनाक्षी के पिता यशवंत जायसवाल का कहना था कि जब उनकी बेटी 18 साल की हो गई तो उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए दोबारा प्रयास किया, लेकिन चक्कर ही काटते रहे। साल 2022 में एक बार फिर उनकी फाइल चली और यह फाइल चलकर बंद हो गई। इसके बाद जयपुर के समाजसेवी रवि नैय्यर ने उनकी मदद की। उन्होंने जिला कलेक्टर जयपुर से मिलवाया और अब यह नियुक्ति पत्र उनकी बेटी के हाथ में आया है।
पिता बोले- शिक्षा खर्च का वादा अधूरा रहा। जायसवाल का कहना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भरण पोषण भत्ता, बच्चियों की शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए पैसे की घोषणा, विवाह खर्च और सरकारी नौकरी का वादा किया था। इस संबंध में उन्हें पत्र भी दिए गए थे, लेकिन सरकार बदल गई और तीन सरकारें निकल गई। उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। वे घोषणाओं के लिए कई बार कलेक्ट्रेट के भी चक्कर काट चुके थे। भजनलाल सरकार में उनकी सुनवाई हुई और उन्हें यह मदद मिली है।