ऑटो इंडस्ट्रीज से एक साल में 13 लाख लोगों की नौकरी गई

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नई दिल्ली। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम ने मंगलवार को वाहन बिक्री और ऑटो सेक्टर में नौकरियों के हालातों पर आंकड़े जारी किए। इस मौके पर सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वाहन उद्योग में एक साल से जारी मंदी के कारण तकरीबन 13 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं।

माथुर ने कहा कि सबसे बुरा प्रभाव वाहनों के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों पर पड़ा है। रिपोर्टों के मुताबिक इस क्षेत्र में करीब 11 लाख लोगों की नौकरी गई है। इनमें एक लाख की छंटनी बड़ी कंपनियों तथा 10 लाख की छंटनी छोटे आपूर्तिकर्ताओं ने की है। करीब 300 डीलरशिप बंद हो चुके हैं और डीलरों ने दो लाख 30 हजार लोगों को नौकरी से निकाला है।

सियाम ने जिन 10-15 वाहन निर्माता कंपनियों के आंकड़े एकत्र किए हैं उन्होंने भी 15 हजार लोगों को निकाला है। सबसे ज्यादा गाज अस्थायी कर्मचारियों पर गिरी है। माथुर ने कहा कि सियाम कई महीने से सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहा है और यदि जल्द इसकी घोषणा नहीं की गई तो संकट गहरा जाएगा।

उन्होंने कहा कि जो स्थिति है उससे लगता है कि संकट और गहरा गया है। आंकड़ों से स्पष्ट की किस प्रकार राहत पैकेज की अविलंब जरूरत है। वाहन उद्योग अपनी तरफ से बिक्री बढ़ाने के उपाय कर रहा है। सरकार को भी हरकत में आना होगा।

वाहनों पर कर की दर घटाने की मांग
उन्होंने बताया कि उद्योग प्रतिनिधियों की सरकार के साथ हाल ही में बातचीत हुई है। उद्योग ने वाहनों पर कर की दर घटाने, स्कैपेज नीति लाने और वित्तीय क्षेत्र – विशेषकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों – को मजबूत करने की मांग की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही सरकार की तरफ से राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह वाकई चिंता की बात है कि यात्री वाहनों के साथ ही अन्य सभी श्रेणी के वाहनों की बिक्री में भी गिरावट देखी जा रही है। माथुर ने कहा कि मानसून अच्छा रहा है। साथ ही आगे त्योहारी मौसम है और भारत स्टेज-4 वाले वाहनों की खरीद बढ़ने की उम्मीद है। इन सभी कारकों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।