कोटा /जानापाव। चंबल संसद (जल बिरादरी) के प्रतिनिधि मंडल ने गत दिनों मध्य प्रदेश में महू के पास स्थित विंध्याचल पर्वतमाला से जुड़े जानापाव पहाड़ पर भगवान परशुराम के जन्म स्थल पर महादेव जी पर दुग्धाभिषेक किया गया एवं गायत्री मंत्रोच्चार से यज्ञ में आहुतियां डाली गई।
चंबल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि चंबल यमुना की मिलन स्थल इटावा उत्तर प्रदेश से नदी की परिक्रमा कर रहे युवा पदयात्री रोबिन सिंह, स्वामी तेजोमायावन, रामधीर सिंह द्वारा संचालित किया जा रहे ‘नदियां हमारे जीवन रेखा” अभियान में भागीदारी की।
इस अवसर पर महू की विधायक ऊषा ठाकुर ने चंबल की दुर्दशा पर आयोजित परिचर्चा में भाग लिया। श्रीमती ठाकुर ने कहा कि विकास और निर्माण कार्यों से चंबल के उद्गम और बहाव क्षेत्र को मुक्त रखे जाने का गंभीरता से प्रयास होगा।
स्थानीय सरपंच पवन चौधरी ने परशुराम कुटी एवं जनकेश्वर महादेव मंदिर चंबल का उद्गम स्थल को पूरे देश में प्रचारित किया जाना चाहिए। यहां की स्थानीय जनता भी इस अभियान में पूरी तरह मदद करेगी। यज्ञ के दौरान पंडित ओमप्रकाश व्यास एवं स्वामी हीरानंद ने कहा कि भगवान परशुराम का जो संकल्प था, उन बुराइयों को नष्ट कर चंबल के संरक्षण का व्रत लेना चाहिए।
यज्ञ आचार्य पंडित कमलेश शास्त्री ने नदी के उद्गम स्थल को स्वच्छ एवं संरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थल से चंबल को बचाने की पहल हो रही है उसका बड़ा महत्व है।
कौशिक गायत्री परिवार बोरखेड़ा कोटा के संचालक यज्ञदत्त हाड़ा ने कहा कि चंबल के किनारे जिन सभ्यताओं का विकास हुआ, वहीं पर चंबल सबसे ज्यादा प्रदूषित है। बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि 960 किलोमीटर में चम्बल संसद उन सभी स्थानों पर जागृति का प्रयास कर रही है, जहां पर चंबल सर्वाधिक अतिक्रमण, शोषण और प्रदूषण की शिकार है, वहां व्यापक जन जागृति के कार्यक्रम हाथ में ले रही है।
पूर्व पार्षद युधिष्ठिर चानसी ने रोबिन सिंह एवं उनकी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चंबल की परिक्रमा कर यह युवा संन्यासी समाज में जन जागृति का प्रयास कर रहे हैं शासन को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
चंबल उद्गम अभियान में इटावा के समाजसेवी विमल भदोरिया, ओम भदोरिया, कोटा के प्रगतिशील किसान राम निवास राठौड़, लटूर लाल डैनी, युवा कार्यकर्ता मनीष चानसी आदि ने अभियान में सक्रिय भागीदारी की।
चानसी ने बताया कि 20 नवंबर के आसपास पैदल यात्रियों की परिक्रमा चंबल के दूसरे छोर बूंदी जिला के केशवराय पाटन घाट पर पहुंचेगी। यहां पर एक बड़ी सभा में रॉबिन सिंह एवं चंबल संसद के लोगों का अभिनंदन किया जाएगा।
इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर ज्ञापन सौंपा जाएगा। रोबिन सिंह ने बताया की यात्रा का समापन दिसंबर के पहले सप्ताह में इटावा में होगा। जहां पर विशाल जनसभा आयोजित की जाएगी।