नई दिल्ली। सस्ते ईंधन और खाद्य सामग्रियों के कारण थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति जुलाई महीने में कई साल के निचले स्तर 1.08 प्रतिशत पर आ गई। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बुधवार को आकंड़े जारी किए हैं। एक दिन पहले ही खुदरा महंगाई दर में भी गिरावट के आंकड़े सामने आए हैं।
थोक महंगाई दर इस साल जून में 2.02 प्रतिशत और पिछले साल जुलाई में 5.27 प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने में खाद्य सामग्रियों की मुद्रास्फीति जून के 6.98 प्रतिशत से नरम होकर 6.15 प्रतिशत पर आ गई।
ईंधन और बिजली श्रेणी में अपस्फीति जून के 2.20 प्रतिशत की तुलना में और बढ़कर जुलाई में 3.64 प्रतिशत पर पहुंच गई। जुलाई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति भी जून के 3.18 प्रतिशत की तुलना में नरम होकर 3.15 प्रतिशत रही है। हालांकि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में वृद्धि हुई है। खुदरा महंगाई दर जून में 3.18 प्रतिशत और पिछले साल जुलाई में 4.17 प्रतिशत थी।
मुद्रास्फीति आरबीआई के संतोषजनक स्तर से नीचे है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दर 4 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर नजर रखता है।