कोटा। श्रावणी तीज मेला महोत्सव के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम की श्रृंखला में शहीद अजय आहूजा पार्क के पास स्थित मंच पर अखिल राजस्थानी कवि सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में कवियों ने हास्य, श्रृंगार और वीर रस से श्रोताओं को सराबोर कर दिया। वीर रस के कवियों ने रचनाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद अर्पित किया।
कविताओं के माध्यम से धारा 370 हटाए जाने और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने के निर्णय की सराहना की गई। कवि सम्मेलन की शुरुआत डाॅ. फरीद खान फरीद द्वारा ‘शर्त लोगों ने लड़ाने की लगा रखी है, मिलकर रहने की कसम हमने भी खा रखी है…’’ से की गई। कवि शायर चांद शेरी द्वारा ‘‘मैं गीता, बाइबल, कुरान रखता हूं, सभी धर्मों का सम्मान रखता हूं….यह मेरे पुरखों की जागीर है दोस्तों, मैं अपने दिल में हिंदुस्तान रखता हूं…’’ सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी।
गीतकार गौरव प्रचंड द्वारा ‘‘आस्था के हत्यारों को यूं ना माफ कीजिए, खेती में खरपतवार इनको साफ कीजिए…’’ के द्वारा लोगों को वाह वाह कहने पर मजबूर कर दिया। वहीं कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां प्रदान करते हुए कवि विश्वामित्र दाधीच द्वारा बेटियों को समर्पित करते हुए ‘‘जब ममता ने आंखें खोली, पायल से पायल यू बोली…’’ रचना प्रस्तुत की।
इस दौरान कवि विश्वामित्र दाधीच, डाॅ. ओंकारनाथ चतुर्वेदी, मुकुट मणिराज, रघुराज सिंह कर्मयोगी को मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा द्वारा काव्य रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। वही शायर चांद शेरी, डॉ. फरीद, शायर शकूर अनवर को शान ए गजल की उपाधि से अलंकृत किया। कविराज महेश पंचोली, गौरीशंकर सोनगरा अभी ने भी अपनी रचना सुनाकर श्रोताओं को देर रात तक जमाए रखा।
कार्यक्रम समापन पर राजाराम जैन कर्म योगी द्वारा सभी कवियों तथा श्रोताओ का आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा, विशिष्ट अतिथि डॉ ओंकारनाथ चतुर्वेदी तथा पूर्व महापौर सुमन श्रृंगी रहीं।