गेहूं, सोयाबीन समेत सात कृषि उत्पादों के वायदा कारोबार पर रोक एक साल बढ़ाई

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नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सात कृषि उत्पादों के वायदा कारोबार पर रोक और एक साल के लिए बढ़ा दी है। सेबी की तरफ से कमोडिटी डेरिवेटिव सेगवेंट वाले सभी स्टॉक एक्सचेंज को गैर बासमती चावल, गेहूं, चना, सरसो, सोयाबीन, कच्चा पाम तेल और मूंग के वायदा कारोबार को 31 मार्च, 2026 तक निलंबित करने का निर्देश दिया गया है।

सेबी ने सबसे पहले 2021 में इन सभी सातों कृषि उत्पादों पर वायदा ट्रेडिंग पर रोक लगाई थी। उसके बाद से इसे लगातार एक-एक साल के लिए बढ़ाया जाता रहा। प्रतिबंध के तहत सभी मान्यता प्राप्त कमोडिटी एक्सचेंजों पर नए अनुबंध शुरू करने और मौजूदा अनुबंधों में कारोबार करने पर रोक है।

वायदा बाजार एक ऐसा बाजार है जहां किसी वस्तु की मांग और आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए किसी वस्तु की भविष्य की कीमत का अनुमान लगाने की कोशिश की जाती है। सरकार को डर है कि इन कृषि जिंसों के वायदा कारोबार से देश में इनके दामों में सट्टेबाजी बढ़ेगी और इनकी कीमतों में उछाल आएगा। इससे देश में खाद्य मुद्रास्फीति और बढ़ेगी।