इंदौर। रबी सीजन की सबसे प्रमुख दलहन चने की बोवनी में इस साल 13 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट देखी गई है। जाहिर है, उत्पादन घटने की आशंका है। इससे भावों में तेजी के आसार नजर आ रहे हैं। 2018 में 7 दिसंबर तक राष्ट्रीय स्तर पर चने का सकल रकबा 77.27 लाख हेक्टेयर रहा है, जो 2017 की समान अवधि में 88.94 लाख हेक्टेयर था।
इस हिसाब से इसमें 11.67 लाख हेक्टेयर यानी 13.10 प्रतिशत की कमी आई है। चालू रबी सीजन के लिए चने का सामान्य औसत रकबा 89.45 लाख हेक्टेयर नियत किया गया था। इस साल मौसम अचानक बदल जाने के कारण देर से बोवनी (15 दिसंबर तक) की भी संभावना नहीं है।
देश में चने का रकबा
साल | रकबा (लाख हेक्टेयर में) |
2018 | 77.27 |
2017 | 88.94 |
2016 | 81.25 |
2015 | 74.06 |
2014 | 69.20 |
2013 | 83.81 |
(2018 के आंकड़े 7 दिसंबर तक)
प्रमुख उत्पादक राज्यों में चने का रकबा
राज्य | रकबा (लाख हेक्टेयर में) 2017-2018 |
मध्य प्रदेश | 31.24 30.78 |
महाराष्ट्र | 14.23 8.93 |
कर्नाटक | 12.91 11.01 |
राजस्थान | 13.96 12.96 |
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा दिक्कत
शीर्ष उत्पादक राज्यों में चने का रकबा घटा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में भयंकर सूखे का सबसे ज्यादा असर देखा गया है। अन्य उत्पादक राज्यों में भी चने की बोवनी घटी है। उत्तर प्रदेश में साल दर साल आधार पर चने का रकबा 5.20 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.03 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.48 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.31 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 1.66 लाख हेक्टेयर से घटकर 1.15 लाख हेक्टेयर और आंध्र प्रदेश में 4.31 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.15 लाख हेक्टेयर रह गया।
भाव बढ़ने के आसार
रकबे में भारी गिरावट और मौसम की हालत को देखते हुए चने का उत्पादन कमजोर रहने और आयात बंद रहने के कारण घरेलू बाजार में तेजी के आसार हैं। नए चने की थोड़ी-बहुत आवक फरवरी से शुरू हो जाती है, जबकि मार्च-अप्रैल में इसकी अच्छी आवक होने लगती है। तब तक नैफेड के पास जमा सरकारी स्टॉक पर ही बाजार की निर्भरता रहेगा।
किसान और कारोबारियों के पास स्टॉक कम है। ऐसे में बाजार पर नैफेड का खासा नियंत्रण है। भाव समर्थन मूल्य (4,400 रुपए ) से ऊपर निकलते ही नैफेड बिक्री शुरू कर देती है, जिसके कारण तेजी का रुझान नहीं बन पाता। हर बार 4,500 रुपए से ऊपर भाव निकलते ही चने की तेजी पर ब्रेक लग रहा है। इस हिसाब से सरकार का एमएसपी पर खरीदी का लक्ष्य काफी हद तक सफल माना जा सकता है।