नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली मिडिल क्लास को इस बार बजट में बड़ी राहत दे सकते हैं। 2018-19 के बजट में सरकार 80C लिमिट में इजाफा कर सकती है। इसके तहत सरकार 1.5 लाख रुपए की टैक्स छूट लिमिट में 30 हजार रुपए का इजाफा करने की तैयारी में है।
अगर ऐसा होता है तो टैक्स पेयर्स सेविंग बढ़ाकर इनकम टैक्स पर ज्यादा छूट पा सकेंगे। इस संबंध में सरकार को इंडस्ट्री बॉडी से लेकर इकोनॉमिस्ट ने भी सलाह दी है कि 80सी की लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए। उनके मुताबिक, कॉस्ट ऑफ लिविंग बढ़ने की वजह से 1.5 लाख की लिमिट को 2 लाख रुपए किया जाना चाहिए।
क्या है प्लान?
सूत्रों के मुताबिक, 2019 में चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार के पास आखिरी मौका है जब वह मिडिल क्लास को खासतौर परद इनकम टैक्स में राहत दे सकेगी। ऐसे में सरकार के लेवल पर इस बात की संभावना तलाशी जा रही है कि 80C लिमिट को बढ़ाया जाए।
इसमें सरकार के लेवल पर यह सोच है कि टैक्स सेविंग लिमिट बढ़ने से जहां मिडिल क्लास को टैक्स के लेवल पर राहत मिलेगी, वहीं फाइनेंशियल इन्स्ट्रूमेंट में इन्वेस्टमेंट भी बढ़ेगा। ऐसे में 1.50 लाख रुपए की लिमिट को बढ़ाकर 1.80 लाख किया जा सकता है। हालांकि, सरकार को सभी स्टेकहोल्डर्स से लिमिट को 2 लाख रुपए तक करने का प्रपोजल मिला है।
80C लिमिट बढ़ने से कैसे मिलेगा फायदा?
– अभी 2.5 लाख रुपए तक सालाना इनकम के लोगों को किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है। जबकि, उससे ज्यादा के इनकम वालों को 5%, 20% और 30% इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है।
अभी सरकार 80C लिमिट के तहत 1.50 रुपए तक सेविंग पर एक्स्ट्रा टैक्स छूट का फायदा देती है। यानी, टैक्सपेयर इन्श्योरेंस, पीपीएफ, ईपीएफ, ट्यूशन फीस, होम लोन में प्रिंसिपल पार्ट, एनपीएस, सुकन्या समृद्दि स्कीम जैसी योजनाओं में 1.5 लाख रुपए तक इन्वेस्ट कर टैक्स छूट ले सकते हैं।
यानी अभी टैक्स पेयर 2.5 लाख के बाद 1.5 लाख रुपए और इन्वेस्ट कर टैक्स बचा सकते हैं। सरकार ने इसमें 30 हजार का इजाफा किया तो 1.80 लाख तक के इन्वेस्टमेंट पर छूट मिलेगी।