‘जयपुर। सीबीएफसी भले ही संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्ममावती को U/A सर्टिफिकेट देने के लिए तैयार हो गया हो, लेकिन इसपर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह ने सीबीएफसी के फैसले पर आपत्ति जताई है।
विश्वराज सिंह ने सेंसर बोर्ड को गैरजिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, ‘बोर्ड ने पैनल के लिए हमें बुलाया था। हमारे पास कुछ सवाल थे। इसके बाद हमें पता चला कि किसी और पैनल ने फिल्म को देखकर मंजूरी दे दी है। फिल्म को हमारी सहमति के बिना ही मंजूरी दे दी गई है। सेंसर बोर्ड ने यह बहुत ही गैरजिम्मेदाराना काम किया है।’
उन्होंने फिल्म के नाम बदलने के फैसले को महज दिखावटी बताया है। उनका मानना है कि इससे तथ्य नहीं बदलेंगे। विश्वराज सिंह ने कहा,’ यह बात साफ है कि फिल्म मेरे परिवार के बारे में है। ऊपरी बदलाव कर देने से यह तथ्य नहीं बदलेगा कि फिल्म में वास्तविक जगहों और पूर्वजों को दिखाया गया है। फिल्म में किरदारों के नाम भी वही हैं।’
विश्वराज ने यह भी कहा है कि सेंसर बोर्ड की कथनी और करनी में अंतर है। इससे वह भी देश के इतिहास, नायक और मेरे परिवार के लोगों के बारे में झूठी कहानी का प्रचार करने वालों में से ही एक बन जाता है। गौरतलब है कि शनिवार को सेंसर बोर्ड ने पांच बदलावों के साथ फिल्म को U/A सर्टिफिकेट देने के लिए मंजूरी दे दी थी।