Live Surgery: ईथॉस अस्पताल में किया दूरबीन से जटिल हर्निया का सफल उपचार

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कोटा। Hernia laparoscopic surgery: ईथॉस हॉस्पिटल में एक महत्वपूर्ण चिकित्सा कार्यक्रम का आयोजन रविवार को किया गया, जिसमें वरिष्ठ लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. रोहित दाधीच द्वारा लैप्रोस्कोपिक एब्डोमिनल वॉल हर्निया की लाइव सर्जरी की गई। इस अत्याधुनिक कार्यशाला में हाड़ौती के 50 से अधिक सर्जन और पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मुकुंद खेतान, चेयरमैन, IMAS डिपार्टमेंट और गंगाराम हॉस्पिटल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ उपस्थित रहे। डॉ. खेतान ने अपने व्यापक अनुभव और नवीनतम सर्जिकल तकनीकों को उपस्थित चिकित्सकों के साथ साझा किया।

इस अवसर पर हाड़ौती के प्रमुख सर्जन भी उपस्थित थे, जिनमें डॉ. आरके अग्रवाल, डॉ. सीपी सिंह, डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. एसके गोयल, डॉ. जीतेन्द्र सिंह, डॉ. दिनेश जिंदल, और डॉ. सुरेश शर्मा सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक शामिल थे।

चार सफल उपचार, एक नई दिशा
इस विशेष कार्यशाला में डॉ. दाधीच और उनकी टीम ने चार मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज करते हुए लैप्रोस्कोपिक एब्डोमिनल वॉल हर्निया सर्जरी की प्रभावशीलता प्रदर्शित की। इन मरीजों के लिए यह सर्जरी एक वरदान साबित हुई। क्योंकि उन्हें न केवल कम दर्द और जल्दी रिकवरी का लाभ मिला, बल्कि जीवन की बेहतर गुणवत्ता का अवसर भी प्राप्त हुआ।

तकनीकी प्रदर्शन
कार्यक्रम में लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से डॉ. दाधीच ने जटिल हर्निया सर्जरी का प्रदर्शन किया, ताकि उपस्थित सर्जन और चिकित्सा छात्र इस तकनीक को बेहतर ढंग से समझ सके। इस दौरान उन्होंने प्रक्रिया के हर चरण की विस्तृत व्याख्या की और मौजूद चिकित्सकों के प्रश्नों का उत्तर दिया। इथोस हॉस्पिटल, कोटा में आयोजित यह कार्यशाला क्षेत्रीय चिकित्सा क्षमता निर्माण और रोगियों को बेहतर उपचार विकल्प प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के लाभ
डॉ. रोहित दाधीच ने लाइव सर्जरी के माध्यम से दर्शाया कि कैसे जटिल हर्निया का इलाज दूरबीन (लैप्रोस्कोपी) के माध्यम से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस विधि के कई महत्वपूर्ण लाभ हैं। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लैप्रोस्कोपिक प्रक्रिया में संक्रमण होने की संभावना बहुत कम होती है। छोटे चीरों के कारण रक्त की हानि काफी कम होती है। रोगी को सर्जरी के बाद कम दर्द का अनुभव होता है। मरीज सर्जरी के कुछ घंटों बाद ही चलने-फिरने और खाने-पीने लग जाता है। अधिकांश मरीज अगले ही दिन अपनी दैनिक दिनचर्या में लौट सकते हैं।