मनुष्य जीवन की वास्तविक सार्थकता समाधि में ही निहित है : आचार्य प्रज्ञा सागर

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कोटा। तलवंडी जैन मंदिर में आयोजित विशेष धर्म सभा में आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज ने अपनी दिव्य देशना से श्रद्धालुओं को ज्ञान का अमृत प्रदान किया। उन्होंने अपने प्रवचन में मानव जीवन के परम लक्ष्य और समाधि की महत्ता पर विशेष प्रकाश डाला।

आचार्यश्री ने अपनी वाणी में कहा कि मनुष्य जीवन की वास्तविक सार्थकता समाधि में ही निहित है। उन्होंने एक सटीक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि यदि हम धार्मिक क्रियाकलाप तो कर रहे हैं, परंतु समाधि का लक्ष्य नहीं है, तो हमारी स्थिति उस कोल्हू के बैल के समान है, जो दिनभर चलकर भी वहीं का वहीं रहता है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि साधुजनों के प्रवचन से ही जीवन में वास्तविक परिवर्तन संभव है। गुरुजनों की कृपा दृष्टि से ही मनुष्य का जीवन सार्थक होता है। आचार्य श्री ने बताया कि गुरुजनों का प्रवेश हमारे जीवन में नयन पथ से होता है, लेकिन इसके लिए हमारी दृष्टि सम्यक होनी आवश्यक है।

धार्मिक मार्ग के विषय में एक अत्यंत महत्वपूर्ण चेतावनी देते हुए आचार्यश्री ने कहा कि धर्म के मार्ग में कोई शॉर्टकट या बायपास नहीं होता। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग धर्म में शॉर्टकट का मार्ग अपना रहे हैं, वे वास्तव में सही मार्ग से भटक रहे हैं।

कार्यक्रम में विशेष रूप से आरके जैन द्वारा संकलित राजस्थान के समस्त जैन तीर्थों का विस्तृत मानचित्र एवं पुस्तिका का विमोचन किया गया। मंत्री प्रकाश जैन ने बताया कि इस अवसर पर सकल जैन समाज के संरक्षक राजमल पाटौदी, अध्यक्ष विमल नांता, कार्याध्यक्ष जे के जैन, सुरेश चांदवाड और सुरेश हरसौरा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

राजकुमार लुहाड़िया ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि आचार्य श्री ने जैन समाज के उत्थान और विकास के लिए एक नवीन संविधान का प्रारूप प्रस्तुत किया है। उनका मानना है कि जिस प्रकार देश संविधान से चलता है, उसी प्रकार यदि समाज भी एक सुनियोजित संविधान से चले, तो निश्चित रूप से प्रगति के नए आयाम स्थापित होंगे।

कार्यक्रम की शुरुआत में पदम मनोरम बगड़ा परिवार ने दीप प्रज्वलन, पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र विराजमान का पवित्र कार्य संपन्न किया। समिति के अध्यक्ष अशोक पहाड़िया ने दूर-दूर से पधारे गुरु भक्तों एवं संघपति का विशेष सम्मान किया।

डॉ. आर के जैन द्वारा संकलित प्रदेश के जैन तीर्थ स्थलों के नक्शे का विमोचन इसी पावन अवसर पर संपन्न हुआ। यह मानचित्र तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक का कार्य करेगा, जिससे उन्हें तीर्थ यात्रा में सुविधा होगी।