नई दिल्ली। retail inflation rate: आम जनता को लगातार दूसरे महीने महंगाई से राहत मिली है। खाने-पीने की चीजों का दाम घटने से दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.22 फीसदी रही। यह खुदरा महंगाई का चार महीने का सबसे निचला स्तर है।
दिसंबर 2024 में सब्जियों की महंगाई दर में थोड़ी नरमी आई है। हालांकि, आलू, मटर व फूलगोभी के दाम 2023 दिसंबर की तुलना में अब भी काफी अधिक है। नवंबर की खुदरा महंगाई दर 5.48 प्रतिशत थी।
अगर खुदरा महंगाई दर में गिरावट का रुख जनवरी में भी जारी रहा, तो नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का रास्ता भी साफ हो सकता है। आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के तत्कालीन गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई मौकों पर स्पष्ट किया था कि केंद्रीय बैंक का फोकस महंगाई घटाने पर है। केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई को 4 फीसदी तक लाना चाहता है।
हालांकि, अब नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुआई में आरबीआई ब्याज दरें घटाने पर विचार कर सकता है। इसकी वजह महंगाई का लगातार होना है। साथ ही, ब्याज दर घटाने से सुस्त होती इकोनॉमी की रफ्तार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई केंद्रीय मंत्री ब्याज दर घटाने की जरूरत बता चुके हैं। आरबीआई एमपीसी की अगली मीटिंग फरवरी 2025 में होगी।
दिसंबर 2024 में क्या सस्ता हुआ
दिसंबर में सब्जी के खुदरा भाव में दिसंबर 2023 के मुकाबले 26.56 फीसदी की बढ़ोतरी रही। इनमें आलू, मटर, गोभी की सबसे अधिक भूमिका रही। आलू के दाम में दिसंबर 2023 के मुकाबले 68.23 प्रतिशत, मटर में 89.12 प्रतिशत, फूलगोभी में 39.42 प्रतिशत, लहसुन में 58.18 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।
वहीं, जीरा के दाम में 40 प्रतिशत, अदरक में 22 प्रतिशत तो सूखी मिर्च में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। गत दिसंबर में सब्जी के अलावा खाद्य तेल व वनस्पति एवं फल के दाम में भी अच्छी बढ़ोतरी रही। खाद्य तेल में दिसंबर 2023 की तुलना में 14.60 प्रतिशत तो फल में 8.49 प्रतिशत का इजाफा हुआ।