नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने पहली बार अपने स्तर से अनुबंधित खेती (Contract farming) का प्रयास आरंभ किया है जिसका उद्देश्य दलहनों का बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन बढ़ाना है।
इसके तहत शुरूआती चरण के दौरान बिहार, झारखंड, तमिलनाडु एवं गुजरात में किसानों को इस आश्वासन के साथ दलहनों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया है कि उसके उत्पादन का प्रत्येक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।
पायलट प्रयास के तहत 15 हजार एकड़ जमीन में दलहनों की अनुबंधित खेती की जाएगी और फिर धीरे-धीरे कर्मिक रूप से उसका विस्तार किया जाएगा।
सरकार राज्यों में दलहन की खेती बढ़ाने हेतु नए-नए उपायों का सहारा ले रही है और खासकर गैर परम्परागत उत्पादक क्षेत्रों में किसानों को दलहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित प्रोत्साहित कर रही है।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं तेलंगाना ऐसे राज्य हैं जहां भारी मात्रा में दलहनों का उत्पादन होता है लेकिन दूसरी ओर पूर्वी भारत में इसकी खेती सीमित क्षेत्रफल में होती है जबकि वहां उत्पादन बढ़ाने की अच्छी गुंजाईश है।
बिहार, बंगाल, आसाम तथा झारखंड में दलहन की खेती के लिए मिटटी एवं जलवायु अनुकूल है। उड़ीसा में हाल के वर्षों में दलहनों की खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण कुछ बढ़ा है।