नई दिल्ली। Sesame Seeds Price: केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि खरीफ कालीन तिल का घरेलू उत्पादन पिछले साल के 3.95 लाख टन से 3 हजार टन सुधरकर इस वर्ष 3.98 लाख टन पर पहुंच सकता है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक यद्यपि तिल का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 12.24 लाख हेक्टेयर से 93 हजार हेक्टेयर घटकर इस बार 11.31 लाख हेक्टेयर पर अटक गया लेकिन औसत उपज दर में सुधार आने से कुल उत्पादन सुधरकर पिछले साल के लगभग बराबर पहुंच गया।
उद्योग-व्यापार विश्लेषकों के अनुसार बिजाई क्षेत्र में गिरावट के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में बाढ़-वर्षा के प्रकोप से भी फसल को नुकसान हुआ है जिससे तिल का उत्पादन सरकारी अनुमान से कम होने की संभावना है।
मंडियों में माल की कमजोर आवक से भी उत्पादन घटने का संकेत मिलता है। कम आवक एवं अच्छी मांग के कारण हाल के दिनों के दौरान तिल के दाम में 700/800 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा दर्ज किया गया जबकि आगे इसमें 500/700 रुपए प्रति क्विंटल की और तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।
घरेलू प्रभाग में तिल का कारोबार सामान्य रहने की संभावना है इसलिए आगामी समय में इसका भाव मुख्यत: निर्यात मांग पर निर्भर रहेगा। केन्द्र सरकार ने तिल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 7.30 प्रतिशत बढ़ाकर 9267 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि छतरपुर में इसका भाव 11000/11100 रुपए प्रति क्विंटल और ग्वालियर में 12000/12100 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
निर्यात मांग संतोषजनक है। उम्मीद की जा रही है कि मकर संक्रांति की मांग से तिल में कुछ तेजी आ सकती है और उसके बाद बाजार काफी हद तक शांत हो सकता है। तिल की खेती खरीफ सीजन के साथ-साथ रबी तथा विस्तारित रबी (जायद) सीजन के दौरान भी होता है।