वॉशिंटगटन। ट्रंप सरकार एक के बाद एक ओबामा सरकार के फैसलों को पलट रही है। ओबामा केयर और नेट न्यूट्रलिटी के बाद ट्रंप प्रशासन अब H-1B वीजा के नियमों को और सख्त बनाने जा रहा है।
नए नियमों के अनुसार H-1B वीजा के अंतर्गत अमेरिका में पति या पत्नी के तौर पर रह रहे आश्रितों के लिए नौकरी करना अब बेहद मुश्किल हो जाएगा।
इसका असर वैसे तो अपेक्षाकृत छोटे वर्ग पर ही पड़ने वाला है। H-1B वीजा पर काम कर रहे ऐसे प्रफेशनल जो ग्रीन कार्ड के लिए कोशिश कर रहे हैं, ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से प्रभावित होंगे।
गुरुवार को यूएस डिपार्टमेंट फॉर होमलैंड सिक्यॉरिटी की तरफ से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई। बयान में हालांकि ज्यादा विस्तार से फैसले का विश्लेषण नहीं किया गया। डिपार्टमेंट की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ट्रंप प्रशासन के ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन पॉलिसी’ के तहत ही यह फैसला किया गया है।
डीएचएस की तरफ से जारी बयान में H-1B वीजा में होने वाले बदलावों को लेकर ट्रंप प्रशासन की मंशा को स्पष्ट किया गया। डीएचएस के बयान के अनुसार, ‘H-1B वीजा मिलने वाले प्रफेशनलों की पात्रता को फिर से परिभाषित किया जाएगा।’
इंडियन आईटी इंडस्ट्री बॉ़डी के प्रेजिडेंट आर चंद्रशेखर का कहना है कि यह फैसला ट्रंप सरकार के लगातार H-1B वीजा नियमों को कठोर बनाने की दिशा में एक और कदम है।
बता दें कि फरवरी 2015 में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में रह रहे प्रफेशनलों के ऊपर आर्थिक दबाव को कम करने के उद्देश्य से निर्भर पति-पत्नियों को काम करने की छूट का प्रावधान बनाया था।
इसके तहत ग्रीन कार्ड के लिए प्रतीक्षा कर रहे प्रफेशनलों के डिपेंडेंट जीवनसाथी को काम करने की छूट का प्रावधान था। ओबामा के इस फैसले को मशहूर उद्यमी स्टीव जॉब्स ने कोर्ट में चुनौती दी थी।