Pulse Import: दालों का आयात वित्त वर्ष 2024 में 47 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर

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नई दिल्ली। Pulse Import: पांच वर्ष से अधिक समय में दालों का आयात वित्त वर्ष 2024 में सबसे उच्च स्तर 47 लाख टन पर पहुंचने के बाद, भारत इस वित्त वर्ष में दालों का आयात कम कर सकता है।

इंडिया पल्सेस ऐंड ग्रेंस एसोसिएशन (आईपीजीए) के विमल कोठारी ने शुक्रवार को कहा कि बेहतर मॉनसून और घरेलू उत्पादन में तेजी के चलते मौजूदा वित्त वर्ष में दालों का आयात 40-45 लाख टन रह सकता है। उन्होंने ‘भारत दलहन-2024’शीर्षक वाले दालों से जुड़े सेमिनार में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से भी बात की।

हालांकि वित्त वर्ष 2024 की तुलना में इस साल आयात घट सकता है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक मौजूदा नीतियों में बदलाव नहीं होता है तब तक दालों का कुल आयात अगले पांच वर्षों में दोगुना होकर 80 लाख से 1 करोड़ टन तक हो सकता है।

प्रतिष्ठित कृषि अर्थशास्त्री और इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनैशनल इकनॉमिक रिलेशंस (इक्रियर) के विशिष्ट प्रोफेसर अशोक गुलाटी ने कहा, ‘खाली नारों से दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता नहीं हासिल की जा सकती है। हमें इसके लिए ठोस नीतिगत उपायों पर काम करने की जरूरत है।’

इसी सेमीनार में शिरकत करने वाले गुलाटी ने कहा कि धान के उत्पादन को बढ़ावा देने वाली नीतियों को बदला जाना चाहिए और पंजाब जैसे राज्यों में किसानों को पांच वर्षों तक धान की जगह दलहन की खेती करने के लिए 39,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक की सब्सिडी की पेशकश की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि सब्सिडी के पूरक के तौर पर निश्चित खरीद की भी आवश्यकता है ताकि किसानों को पानी की अधिक खपत वाले और अधिक पैदावार वाले धान की जगह ज्यादा मांग वाले दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

आईपीजीए ने मांग की है कि सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपये के दाल बाजार के लिए एक दीर्घावधि नीति बनानी चाहिए क्योंकि नीतियों में बार-बार बदलाव से सभी हितधारकों के हितों पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस संस्था ने पीली मटर पर भी आयात शुल्क लगाने की मांग की।

विमल कोठारी ने कहा कि देश ने पिछले वित्त वर्ष में 16 लाख टन मसूर दाल का आयात किया। उन्होंने कहा, ‘हमें केवल 10 लाख टन मसूर दाल आयात की दरकार है।’ उन्होंने कहा कि पीली मटर का आयात 2023-24 के स्तर से घट सकता है।

जब से आयात की अनुमति मिली उसके बाद वित्त वर्ष 2024 में भारत ने रिकॉर्ड स्तर पर 20 लाख टन पीली मटर का आयात किया जबकि अगले 3-4 महीने में 10-15 लाख टन और आयात होगा। आईपीजीए के अध्यक्ष ने कहा कि थोक बाजारों में दालों की कीमतें पिछले महीने घटी हैं और इसमें आगे और कमी आने की आशंका है।