सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को सरकार ने दिया झटका, बंद होगी स्कीम

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नई दिल्ली। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) में निवेश करने वालों को झटका लगा सकता है। माना जा रहा है कि सरकार गोल्ड में निवेश की इस स्कीम को बंद कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो उन निवेशकों को काफी नुकसान होगा जो इनमें अच्छे रिटर्न की आस लगाकर निवेश किए बैठे हैं।

अगर सरकार इस स्कीम को बंद नहीं करती है तो इसकी किस्त में कमी भी कर सकती है। बता दें कि हाल ही में पेश हुए बजट में सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी कम कर दी है। इसके बाद से इसकी मांग में कमी आई है और कीमत गिर रही है।

मनी कंट्रोल की एक खबर के मुताबिक कस्टम ड्यूटी घटने से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मांग में कमी आ सकती है। वहीं सरकार का मानना है कि यह स्कीम उसके लिए महंगी पड़ रही है। यही कारण है सरकार इस स्कीम को बंद करने या कम करने का प्लान बना रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने के लक्ष्य को 38% कम कर दिया है। अधिकारी के मुताबिक अब सरकार 2024-25 में 18,500 करोड़ रुपये का ‘पेपर गोल्ड’ जारी करने की योजना बना रही है। अंतरिम बजट में 29,638 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया था।

जानें क्या है यह स्कीम
इस स्कीम को 2015 में शुरू किया गया था। इसमें निवेशक को सोना पेपर के रूप में खरीदना होता है। एक ग्राम प्रति यूनिट के हिसाब से इसे खरीदा जाता है। इसके लिए समय-समय पर सीरीज जारी की जाती हैं। यानी जब सीरीज जारी होगी तभी निवेश कर पाएंगे। इसमें निवेश करने पर अभी सालाना 2.5 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है। इसकी मैच्योरिटी 8 साल है। मैच्योरिटी के समय जब इसका रिडेम्प्शन किया जाता है तो प्राइज की गणना रिडेम्प्शन की तारीख से 3 दिन पहले की सोने की औसत क्लोजिंग प्राइज के आधार पर होती है।

निवेशकों को होगा नुकसान
जिन निवेशकों ने इस स्कीम में 8 साल पहले आई सीरीज में निवेश किया था, उन्हें अब नुकसान हो सकता है। दरअसल, साल 2016-17 की सीरीज 1 अगस्त 2016 को आई थी। उस समय इसका इश्यू प्राइज 3119 रुपये प्रति ग्राम था। उस समय इस पर सालाना 2.75 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा था। इस सीरीज की मैच्योरिटी अगले महीने यानी अगस्त में होने जा रही है। बजट से पहले सोने की कीमत करीब 74 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम थी। अगर सरकार गोल्ड की कस्टम ड्यूटी में कमी न करती तो सोने की कीमत और बढ़ सकती थी। लेकिन इससे सोने की कीमत कम हो गई है। कस्टम ड्यूटी कम न होने से मान लें कि अगस्त में सोने की कीमत 75 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम होती और अब करीब 70 हजार रुपये होगी तो ऐसे में निवेशक को प्रति 10 ग्राम 5 हजार रुपये का नुकसान हो गया।