आयात शुल्क में कमी के बाद भी फिर महंगा होगा सोना, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। त्योहारी सीजन से ठीक पहले सोने की कीमतों में रिकॉर्ड गिरावट ने बाजार के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया है। 18 जुलाई को 74,064 प्रति 10 ग्राम रहा 24 कैरेट सोना 8% घटकर 68,069 पर आ गया है। जेवराती सोना (22 कैरेट) 64 हजार पर है। इससे बाजार में दो बड़े बदलाव दिख रहे हैं। पहला, नवंबर-दिसंबर में आने वाले शादी के सीजन से पहले खरीदारी शुरू हो गई है।

दूसरा, अगस्त से लेकर दिसंबर तक 8 बड़े त्योहार हैं। नवंबर-दिसंबर में विवाह के 16 मुहूर्त हैं। उज्जैन के पंडित सुधीर के मुताबिक खरीदारी के लिए अहम पुष्य नक्षत्र 4 अगस्त, 31 अगस्त, 27 सितंबर व 25 अक्टूबर है।

खास बात ये भी है कि इस साल मई-जून में शादी के मुहूर्त नहीं थे, इस वजह से बड़ी तादाद में शादियां नवंबर-दिसंबर में चली गई हैं। ऐसे में इस बार सोने की बिक्री के रिकॉर्ड टूट सकते हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक दिसंबर तक ज्वेलरी, गोल्ड बार व सिक्के की मांग बढ़ेगी। 50 टन अतिरिक्त मांग पैदा हो सकती है।

विवाह के 16 मुहूर्त

  • नवंबर में विवाह मुहूर्त की तारीखें : 13, 16, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, 29
  • दिसंबर में विवाह मुहूर्त की तारीखें : : 4, 5, 9, 10, 14, 15

निवेश करने वाले बढ़ेंगे
देश में सोने पर उच्च कस्टम ड्यूटी कई वर्षों से कम करने की जरूरत थी। इससे सरकार को ही नुकसान हो रहा था, क्योंकि तस्करी और दूसरे रास्तों से सोना आ रहा था। अब बाहर के भाव और देश के भाव में कुल 5% का अंतर रह गया है। ऐसे में कोई बाहर से खरीदारी नहीं करेगा। लोग देश में ही सोने की खरीदारी करेंगे। इन दोनों वजहों से सोने का आयात इस साल 30 से 40% बढ़ सकता है और ज्वेलरी खरीदारी 10 से 15% बढ़ सकती है।

हालांकि भविष्यवाणी बेहद मुश्किल है कि आने वाले समय में सोने की कीमतें कम होंगी या बढ़ेंगी। इंपोर्ट ड्यूटी घटने के बाद कीमतों में एडजस्टमेंट हो चुका है। यहां से सोना अब थोड़ा बहुत ही नीचे जा सकता है। सोने के दाम इंटरनेशनल फैक्टर, डॉलर, रुपए, फेड ब्याज दरें से तय होते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि आने वाले 20-30 दिनों में सोने के दाम फिर बढ़ सकते हैं।