नई दिल्ली। उद्योग-व्यापार क्षेत्र ने जून के मुकाबले जुलाई में विदेशों से सस्ते सोयाबीन तेल का आयात 45 प्रतिशत उछलकर 4 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जिससे सोयाबीन के घरेलू बाजार भाव पर दबाव कुछ बढ़ गया।
वैसे सोयामील की घरेलू एवं निर्यात मांग संतोषजनक रहने से 19-25 जुलाई वाले सप्ताह के दौरान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में ज्यादा गिरावट नहीं आ सकी। सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है मगर कुछ इलाकों में भारी वर्षा एवं बाढ़ के कारण फसल को नुकसान होने की आशंका भी है।
प्लांट : समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी मूल्य मध्य प्रदेश में औसतन 4500 रुपए प्रति क्विंटल, महाराष्ट्र में 4600/4650 रुपए प्रति क्विंटल तथा राजस्थान में 4425 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे रहा। लूज में तो इसका दाम घटकर और भी नीचे आ गया है।
आवक: राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख मंडियों में 19 जुलाई को 1.95 लाख बोरी, 20 जुलाई को 1.70 लाख बोरी, 22 जुलाई को 1.65 लाख बोरी, 23 जुलाई को भी 1.65 लाख बोरी तथा 24 एवं 25 जुलाई को 1.70-1.70 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई। सोयाबीन की प्रत्येक बोरी 100 किलो की होती है।
सोया तेल (रिफाइंड): सोयाबीन का भाव नरम रहने से सोया रिफाइंड तेल के दाम में भी कुछ गिरावट आई। मंदसौर के एक प्लांट में इसका दाम 15 रुपए गिरकर 940 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया। महाराष्ट्र की मिलों में भी 5-10 रुपए की गिरावट रही। राजस्थान के कोटा एवं गुजरात के कांडला में रिफाइंड सोया तेल 10-10 रुपए तथा बंगाल के हल्दिया में 5 रुपए कमजोर रहा।
कांडला में क्रूड डिगम्ड सोया तेल के दाम में नरमी रही जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी आपूर्ति बढ़ने लगी है। अगले महीने से सोया रिफाइंड तेल की मांग बढ़ने की उम्मीद है।सोया डीओसी का निर्यात प्रदर्शन सामान्य है और आगे भी इसमें कमी आने की संभावना बहुत कम है।