अब मकान मालिकों को घर के किराए से आय को रेंटल इनकम में दिखाना होगा

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नई दिल्ली। Tax on Home Rent: अगर आप अपने घर को किराए पर उठाते हैं और सोचते हैं कि आप किराए से हुई कमाई पर टैक्स बचा लेंगे, तो अब ऐसा नहीं होने वाला है। मकान मालिकों की तरफ से हो रही टैक्स चोरी को रोकने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नियम बदल दिया है। अब मकान मालिकों को घर के किराए से मिली इनकम को रेंटल इनकम के तौर पर दिखाना होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल लगातार सांतवी बार बजट पेश करते हुए रेंटल इनकम (rental income) को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कुछ टैक्सपेयर्स अपनी किराये की इनकम को गलत इनकम हेड में दिखा देते हैं और उससे उनका काफी टैक्स बच जाता है। अब आइये डिटेल में जानते हैं कैसे घरों के किराए पर टैक्स चोरी होती थी और अब क्या बदल जाएगा।

जिनके तहत चुकाना होता है टैक्स
बता दें कि टैक्स हेड 5 तरह के होते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, टैक्सपेयर्स ने कुल जितनी कमाई की है, उसको 5 इनकम हेड में बांटा जा सकता है। इसके तहत टैक्सपेयर्स बताया है कि उसे कहां से कितनी कमाई हुई और वह किस कैटेगरी के तहत आएगी।

जो 5 टैक्स हेड होते हैं- वे हैं सैलरी से इनकम (Income from Salary), हाउस प्रॉपर्टी से इनकम (Income from House Property), बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाली प्रॉफिट या गेन से इनकम (Income from Profits and Gains from Business or Profession), कैपिटल गेन से इनकम (Income from Capital Gains) और अन्य सोर्सेज से इनकम (Income from Other Sources)।

अभी तक होता ये था कि मकान मालिक के पास किराए से हुई इनकम को ‘बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाली प्रॉफिट या गेन से इनकम’ के तहत दिखाने का ऑप्शन था। बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाली प्रॉफिट या गेन से इनकम का मतलब यह है कि किसी भी प्रकार के बिजनेस या पेशे से आप जो मुनाफा कमाते हैं, वह इस मद के तहत टैक्सेबल (टैक्स के योग्य) होता है। जिस रकम पर टैक्स लगाया जाना है, उसे निर्धारित करने के लिए आप कुल आय से अपने खर्चों को घटा सकते हैं।

अब इसके तहत मकान मालिक ये दिखा सकते थे कि उनके इस बिजनेस से घाटा हो रहा है। यानी जितना किराया आ रहा है, उससे ज्यादा खर्च हो जाता है। तो ऐसे में उनका पूरा टैक्स बच जाता था।

बदल गए किराए के नियम
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ‘यह देखा गया है कि कुछ टैक्सपेयर्स घर की प्रॉपर्टी को किराए पर देने से मिली इनकम को ‘घर की संपत्ति से आय’ हेड की जगह ‘ बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाली प्रॉफिट या गेन से इनकम ‘ हेड के तहत रिपोर्ट कर रहे हैं। घर की संपत्ति की आय को गलत इनकम हेड के तहत दिखाकर उनकी कर देनदारी काफी कम हो गई है।

अब मकान मालिकों को अपने घर के किराए से हुई कमाई को Income from House Property के तहत दिखाना पड़ेगा। इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी का मतलब यह है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी होम प्रॉपर्टी से हुई इनकम पर टैक्स देना पड़ेगा। साधारण भाषा में कहें तो किराए से मिली इनकम पर टैक्स लगेगा।

केंद्रीय बजट 2024 के मुताबिक बजट में मकान मालिकों के लिए लाया गया नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। बजट में कहा गया, ‘संशोधन 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा और मूल्यांकन वर्ष 2025-26 (assessment year-26) और उसके बाद के मूल्यांकन वर्षों के संबंध में लागू होगा।’

मकान मालिक बचा सकेंगे टैक्स
Income from House Property के तहत मकान मालिकों के पास कुछ तरह की टैक्स छूट होगी। वे संपत्ति की नेट वैल्यू यानी NAV (net asset value) पर 30 फीसदी टैक्स बचा सकेंगे। ये NAV स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत आती है। स्टैंडर्ड डिडक्शन का साधारण भाषा में मललब यह होता है कि सरकार आपको कई तरह के ऐसे खर्चों पर छूट देती है, जो आमतौर पर रोजाना होते रहते हैं। इसके लिए सरकार कोई प्रूफ नहीं मांगती।

इसके अलावा, मकान मालिकों के पास दूसरा जो बड़ा टैक्स बचाने का जो ऑप्शन होगा वह है लोन पर लगने वाला ब्याज। अगर आपने लोन लेकर प्रॉपर्टी खरीदी है या घर बनवा रहे हैं, तो उसे चुकाने के लिए जो ब्याज देंगे, उसपर टैक्स नहीं लगेगा।