नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2024-25 में टैक्स स्लैब में मामूली फेरबदल और मानक कटौती में 25,000 रुपये की वृद्धि भले ही वेतनभोगी लोगों को बहुत रास नहीं आए लेकिन स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर एकत्रित कर (टीसीएस) में हुए अन्य बदलावों से करदाताओं को कुछ अतिरिक्त राहत जरूर मिलेगी।
किराया भुगतान पर कम टीडीएस
बजट में किसी व्यक्ति या एचयूएफ द्वारा एक माह या उसके कुछ हिस्से के लिए किराये के तौर पर 50,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर टीडीएस की दर को पहले के 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। कई परिवार, खासकर सेवानिवृत लोग किराये की आय पर निर्भर रहते हैं। कर घटने की वजह से उनके हाथ में अब किराये का ज्यादा पैसा आएगा। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी
माना जाएगा।
अचल संपत्ति की बिक्री पर टीडीएस
50 लाख रुपये से अधिक कीमत की आवासीय संपत्ति के खरीदार को चुकाई जाने वाली कीमत का 1 प्रतिशत हिस्सा टीडीएस काटना होता है। हालांकि, पहले इस तरह के लेनदेन में टीडीएस से बचने के लिए खरीदार या विक्रेता के हिस्से को विभाजित करके बनाया जा सकता था। बजट 2024 में स्पष्ट किया गया है कि 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की अचल संपत्ति पर टीडीएस काटा जाना चाहिए भले ही संपत्ति में विक्रेताओं (या संयुक्त मालिकों) की संख्या कितनी भी हो।
वेतनभोगी कर्मियों के लिए क्रेडिट
नियोक्ताओं की टीडीएस कटौती के साथ-साथ वेतनभोगी लोगों को अन्य विभिन्न लेनदेन के तहत उनसे लिए जाने वाले टीसीएस का भी सामना करना पड़ता है। बजट में प्रस्ताव किया गया है कि 1 अक्टूबर, 2024 से वेतन पर स्रोत पर कर कटौती करते समय कर्मचारी से एकत्र किए गए सभी टीसीएस और अन्य टीडीएस की गणना की जा सकती है।
फेलिक्स एडवाइजरी में डायरेक्ट टैक्स के वरिष्ठ प्रबंधक जतिन कुमार का कहना है, ‘शुरू में संपूर्ण कर गणना के लिए करदाता से एकत्रित टीसीएस पर विचार करने का प्रावधान नहीं था। अब नियोक्ता द्वारा शुद्ध कर को कटौती योग्य मानने के लिए पहले से एकत्रित टीसीएस का भी क्रेडिट दिया जाएगा। यह वेतनभोगी वर्ग के लिए फायदेमंद होगा।’
नाबालिग के लिए टीसीएस क्रेडिट
नाबालिग बच्चे की आय को आयकर के लिहाज से माता-पिता की आय के साथ जोड़ा हुआ है। लेकिन नाबालिग बच्चे की आय से एकत्रित टीसीएस के क्रेडिट को माता-पिता अपनी कर-देयता की गणना करते समय उपयोग नहीं कर सकते। यदि बच्चे की आय माता-पिता के साथ जुड़ी हुई है तो 1 जनवरी 2025 से वे अपने नाबालिग बच्चे के टीसीएस पर दावा कर सकेंगे।