Kharif Crop Sowing: गुजरात में मूंगफली का रकबा बढ़ा, कपास का घटा

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गाँधीनगर। Kharif Crop Sowing: देश के पश्चिमी भाग में अवस्थित एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य गुजरात में मानसून की अच्छी बारिश होने से खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार तेज हो गई है।

वहां मूंगफली का रकबा बढ़ने तथा कपास का क्षेत्रफल घटने के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि मूंगफली का भाव 2022-23 सीजन के 6250 रुपए प्रति क्विंटल की तुलना में इस बार 6000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास ही चल रहा है फिर भी किसान इस महत्वपूर्ण तिलहन फसल की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

गुजरात कृषि निदेशालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 22 जुलाई 2024 तक मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 18.28 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष के कुल बिजाई क्षेत्र 16.35 लाख हेक्टेयर से करीब 2 लाख हेक्टेयर अधिक है।

सनद रहे कि गुजरात में मूंगफली की बिजाई अभी दो-तीन सप्ताह तक जारी रह सकती है जिससे इसके क्षेत्रफल में और भी इजाफा होगा। ध्यान देने की बात है कि देश में गुजरात मूंगफली एवं कपास- दोनों ही सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है।

वहां चालू खरीफ सीजन के दौरान मूंगफली का बिजाई क्षेत्र पिछले तीन साल के सामान्य औसत क्षेत्रफल 17.51 लाख हेक्टेयर से भी ऊपर पहुंच गया है। वर्ष 2021 के बाद यह पहला अवसर है जब गुजरात में मूंगफली का रकबा 18 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंचा है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गुजरात में मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 2019 के खरीफ सीजन में 16.98 लाख हेक्टेयर, 2020 में 21.62 लाख हेक्टेयर, 2021 में 18.97 लाख हेक्टेयर एवं 2022 में 17.63 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था।

जहां तक कपास का सवाल है तो इसका उत्पादन क्षेत्र 22 जुलाई तक 22.34 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो गत वर्ष के बिजाई क्षेत्र 26.24 लाख हेक्टेयर तथा तीन वर्षीय सामान्य औसत क्षेत्रफल 24.95 लाख हेक्टेयर से काफी पीछे है। सौराष्ट्र संभाग के 11 जिलों में मूंगफली एवं कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है। वहां मूंगफली या रकबा गत वर्ष के 12.58 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 14.55 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।