ऊर्जा मंत्री नागर के निर्देश पर किसानों के हित में तुरंत प्रभाव से लागू हुई बजट घोषणा
कोटा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के निर्देश पर किसानों के हित में कृषि विद्युत कनेक्शन के लिए स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना लागू कर दी गई है। अब कृषि कनेक्शन के अनधिकृत बढ़े हुए लोड को 31 दिसम्बर 2024 तक नियमित किया जा सकता है। यह योजना 31 दिसम्बर, 2023 तक जारी कृषि कनेक्शनों पर ही लागू होगी।
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024- 25 के परिवर्तित बजट ( संख्या 115 ) में कृषि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कृषि कनेक्शन के विद्युत भार को बढ़ाने के लिए “स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना” की घोषणा की थी। जिस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने तुरन्त अमल करते हुए लागू करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद बजट घोषणा की अनुपालना में कृषि उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से “स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना” प्रावधानों के अनुसार तुरन्त प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
योजना के अन्तर्गत यदि कृषि उपभोक्ताओं का विद्युत भार बढ़ा हुआ पाया जाए तो उनसे कोई पैनल्टी राशि नहीं ली जाकर मात्र धरोहर राशि के रूप में 60 रुपए प्रति एचपी की दर से जमा करवा कर भार नियमित कर दिया जाएगा। यदि उपभोक्ता इस योजना का लाभ नहीं उठाते हैं तो योजना की अवधि समाप्ति पर चैकिंग के दौरान उनका भार स्वीकृत भार से अधिक पाए जाने पर संबंधित उपभोक्ताओं से बढ़े हुए भार पर कृषि नीति आरईओ 267 के अनुसार राशि वसूली जाएगी।
इसके अलावा दो वर्ष पूर्व तक कटे हुए कनेक्शनों को यदि उपभोक्ता भार वृद्धि के साथ जुडवाना चाहता है, तो वह भी इस योजना का लाभ ले सकता है। योजना अवधि में लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि व नई 11 केवी लाइन एवं सब-स्टेशन का खर्चा निगम द्वारा वहन किया जाएगा।
ऐसे कृषक जो उसी कुएं पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते हैं अथवा दूसरे कुएं पर जो उसी खसरा, खेत, परिसर या मुरब्बा में हो, दूसरी मोटर चलाने के लिए भार बढ़ाते है। उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। पूर्व में दो मोटरें स्वीकृत है एवं कृषक उनके भार में वृद्धि करना चाहता है तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है।
योजना लागू होने के दौरान यदि किसी उपभोक्ता की बढ़े हुए भार की वीसीआर भरी जा चुकी है तो वह भी योजना के प्रावधानों के अनुसार नियमित की जाएगी। “स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना” की समाप्ति के बाद भार सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।