कोटा के कर विशेषज्ञ संसद के बजट सत्र में शामिल होंगे, 11 सदस्यीय दल दिल्ली पहुंचा

0
71

कोटा। Budget 2024: मोदी सरकार 03 के पहले पूर्ण बजट में कोटा के वरिष्ठ कर विशेषज्ञ विशेष आमंत्रित के रूप में बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट प्रस्तुति के दौरान उपस्थित रहकर बजट का मंथन करेंगे।

वरिष्ठ कर विशेषज्ञ एडवोकेट राजकुमार विजय की अगुवाई में 11 सदस्यीय दल दिल्ली रवाना हो गया, जो सर्वप्रथम बजट भाषण के समय संसद की दर्शक दीर्घा मे उपस्थित रहकर बजट का विस्तृत मंथन करेंगे। इसके बाद उपरोक्त दल राष्ट्रपति भवन का भी भ्रमण करेगा।

कोटा के लिए यह विशेष गर्व की बात है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर पहली बार कोटा के वरिष्ठ कर विशेषज्ञ बजट भाषण के दौरान संसद में उपस्थित रहेंगे। इस दल में एडवोकेट राजकुमार विजय सहित एडवोकेट गोपाल जैन, सीए मिलिंद विजयवर्गीय, एडवोकेट राकेश जैन, सीए नीरज जैन, एडवोकेट ओम बड़ोदिया, सीए लोकेश माहेश्वरी, सीए देवेंद्र कटारिया, सीए ऋषभ मित्तल, सीए हितेश दयानी, कर विशेषज्ञ सौरभ जैन शामिल रहेंगे।

टैक्स रिबेट में बढ़ोतरी संभव: एडवोकेट राजकुमार विजय
मोदी सरकार 03 के पहले आम बजट में इनकम टैक्स थ्रेसहोल्ड लिमिट में परिवर्तन नहीं होगा। परंतु टैक्स रिबेट में बढ़ोतरी संभव है। दूसरा सबसे बड़ा परिवर्तन रोजगार को बढ़ावा देने के लिए न्यू स्टार्टअप को इनकम टैक्स और जीएसटी में बड़ी राहत मिलने की संभावना है।

तीसरी एमएसएमई के लिए इनकम टैक्स और जीएसटी में इस तरह के बदलाव और भी संभव है जिससे माल और सेवा की सप्लाई के बाद भुगतान अविलंब मिल सके। इसी के साथ इस सेक्टर को ब्याज में रियायत मिल सके इसके लिए कार्य योजना संभव है क्योंकि रेपो रेट को अभी बदलना संभव नहीं है।

चौथी संभावना है कि जीएसटी का कलेक्शन बढ़ रहा है इसलिए इनकम टैक्स के लिए वेतन भोगी कर्मचारियों सहित छोटे करदाताओं के लिए के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन और होम लोन इंटरेस्ट कटौती पर बदलाव हो सकता है।

पांचवा परिवर्तन न्यू टैक्स रिजम के कारण डॉमेस्टिक सेविंग प्रभावित हो रही है इसलिए इनसे होने वाली इंटरेस्ट और अन्य आय को इनकम टैक्स के अंदर छूट की संभावना है इसी के साथ मेडिक्लेम पॉलिसी प्रीमियम को दोनों ही टैक्स रिज्यूम में छूट दी जाने की संभावना है।

बजट में छठा परिवर्तन टैक्स पेयर बढ़ाने के लिए किया जा सकता है क्योंकि लगभग 56 तरह की सूचना हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन की तरह करदाता के इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जा रही है जिसके तहत रिटर्न फाइलिंग के लिए नियमावली बन सकती है।