कोटा। आदित्य सागर जी मुनि महाराज संघ का चातुर्मास कलश स्थापना रविवार दोपहर को बूंदी रोड स्थित एक रिसॉर्ट में आयोजित किया गया। चंद्रप्रभु दि. जैन मंदिर समिति रिद्धि सिद्धि नगर के अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा व सचिव पंकज खटोड़ ने बताया कि समस्त समाज ने मिलकर श्रमण आदित्य सागर की कलश स्थापना की। इस अवसर पर अप्रमित सागर और मुनि सहज सागर महाराज संघ का सानिध्य भी प्राप्त हुआ।
चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी व मंत्री पारस बज ने बताया कि इससे पूर्व सुबह 8.30 बजे चंद्रप्रभु दि. जैन मंदिर समिति, रिद्धि सिद्धि नगर में ध्वजारोहण किया गया। वहां चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, मंगलाचरण के उपरान्त पादप्रक्षालन भक्तों ने किया और नीति प्रवचनों को ग्रहण किया।
इसके उपरान्त गाजे-बाजे और गुरुदेव के जयकारों के साथ कलश स्थापना स्थल पर लाया गया। हजारों की संख्या में गुरुदेव के चरणों की रज को छूते ,पाद प्रक्षालन कर जल को सिर पर लगाते लोग मार्ग में नजर आये।
इस अवसर पर गुरूदेव आदित्य सागर ने अपने नीति प्रचवन में कहा कि जब जीवन में गुरु की प्राप्ति होती है तभी गुरू पूर्णिमा होती है। उन्होंने कहा कि बिना गुरू के जो ज्ञान प्राप्त होता है वह मिथ्या है। गुरु का चयन ज्ञान के आधार पर होता है। आयु के आधार से नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गुरु का आशीर्वाद हमेशा फलता है। उन्होंने कहा कि बोरिंग व कुआं जितना गहरा होता है, पानी उतना अधिक होता है। उसी प्रकार जितनी अधिक श्रृद्धा होगी, उतना ही जीवन सरल व सहज होगा। उतना ही गुरू आशीर्वाद प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में महिला मण्डल द्वारा गुरू पूजन को उत्सव के रूप में मनाया गया। बालिता महिला मण्डल व रिद्धि—सिद्धि महिला मण्डल ने गुरूदेव के पूजन के लिए विधिवत नृत्य प्रस्तुत कर अपना भक्ति भाव प्रकट किया।
चित्रणावरण का पुण्य लोकेश कुमार सीसवाली वाले महावीर नगर, दीप प्रज्ज्वलन एवं झंडारोहण मनोज कुमार जैसवाल, शास्त्र भेंट का गौरव रतन लाल भाग चन्द्र, सावर केकड़ी तथा पाद प्रक्षालन सुरेश कुमार सौरभ कुमार देवली वाले, प्रथम कलश युवराज टीकमगढ़ ,दिव्य कलश का प्राप्ति का गौरव डॉ. अभिषेक कुमार भोपाल वाले को प्राप्त हुआ।