हरे कृष्ण मंदिर की रथयात्रा आज, नगर भ्रमण को निकलेंगे भगवान जगन्नाथ

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कोटा। मुकुंदरा विहार स्थित हरे कृष्ण मंदिर की ओर से सोमवार को शाम 5 बजे गीता भवन से रथयात्रा प्रारंभ होगी। हरे कृष्ण मन्दिर हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा का आयोजन करता है, जिसमें कोटा के कोने -कोने से हज़ारों भक्त श्रृद्धा के साथ सम्मिलित होते हैं। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

हरे कृष्ण मूवमेंट की ओर से आयोजित रथयात्रा का गीता भवन से प्रारंभ होगी, जो न्यू क्लॉथ मार्केट, सरोवर मार्ग, सेवन वंडर पार्क, कोटरी रोड़ गुमानपुरा, फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए, घोड़े वाले बाबा चौराहा से रात्रि 8.15 बजे दशहरा मैदान पर समाप्त होगी।

हाईड्रोलिक रथ पर होंगे सवार
मंदिर के उपाध्यक्ष राधाप्रिय दास ने बताया कि प्रभु अपने भाई बलदेव व बहन सुभद्रा के संग 21 फीट उंचे रथ में बैठेंगे। हाईड्रोलिक रथ पर होने के कारण इसकी उंचाई को कम व ज्यादा भी किया जा सकता है। साथ ही साथ रथ को सुन्दर फूलों और रंग बिरंगी रोशनी से सजाया जाएगा। प्रभु जगन्नाथ के जयकारों के साथ हजारों भक्त रथ को खींचते हुए आगे बढेंगे। भक्तगण रथ को हाथों से खींचते हुए करताल और मृदंग के साथ भगवान का गुणगान करते हुए नृत्य करेंगे। कोटा नगरी महासंकीर्तन की ध्वनि से गूंज उठेगी। यात्रा के दौरान भगवान श्री जगन्नाथ को नाना प्रकार के व्यंजन का भोग लगाया जाएगा और साथ ही साथ उसे श्रद्वालुओं में वितरित किया जाएगा।

रथयात्रा का धार्मिक महत्व
मंदिर के उपाध्यक्ष राधाप्रिय दास ने रथयात्रा के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जो व्यक्ति भगवान जगन्नाथ को उनके रथ पर देख लेता है, उसका फिर भौतिक जगत में दोबारा जन्म नहीं होता। जो भक्त भगवान के रथ को अपने हाथों से खीचते हैं, उनके सारे पापों का नाश हो जाता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर से वापस नीलांचल स्थित अपने निवास स्थान पर लौट कर आते हैं।