कोटा। शहर में बिजली बंद हो जाने से अटकी लिफ्ट में फंस जाने से एक 42 साल की महिला की दर्दनाक मौत हो गई। घटना शहर के आरकेपुरम थाना इलाके के श्रीनाथपुरम स्थित अपार्टमेंट की है। परिवार के लोग घटना को लेकर बेहद गमगीन है। मृतक महिला रुक्मणी बाई लोगों के घरों पर कामकाज करके अपने परिवार को चलाती थी। हादसे के समय रुक्मणी एक फ्लैट में काम करके अपने घर लौट रही थी।
लिफ्ट में जब वह सवार हुई तो बीच में लिफ्ट अटक गई। उसने करीब 45 मिनट तक अपने बचाव को लेकर चीखती-चिल्लाती रही। लेकिन उसे निकालने में देरी हुई। आखिर बचाने की कोशिश के दौरान ही हादसा हुआ और रुक्मणी बाई तीसरी मंजिल से नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई।
आरकेपुरम थाने से पहुंचे एएसआई लक्ष्मी नारायण ने जानकारी साझा करते हुए कहा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल से घटना की सूचना मिली थी। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद जानकारी जुटाई तो पता चला कि महिला रुक्मणी बिजली जाने के चलते दूसरे और तीसरे फ्लोर के बीच लिफ्ट में फंस गई थी।
घटना के समय मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में केवल महिलाएं ही मौजूद थीं। महिलाओं को जब रुक्मणी के लिफ्ट में फंसे होने की भनक लगी तो वह मदद के लिए दौड़ीं। जैसे- तैसे इमरजेंसी चाबी से लिफ्ट खोलकर उसे बाहर निकलने का प्रयास किया गया।
महिला को बाहर निकालने के लिए स्टॉल भी दे दिया था। लेकिन उसका पैर फिसल गया और वह लिफ्ट में गिर गई। लिफ्ट बेसमेंट तक चली गई। बेसमेंट में बारिश का पानी भरा हुआ था। महिला की मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा।
परिजनों का लापरवाही का आरोप
मृतक महिला रुक्मणी के परिजनों ने अपार्टमेंट के निवासियों के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला की मौत की बात कही है। परिजनों का आरोप है लिफ्ट में फंस जाने के काफी देर बाद तक रुक्मणी चीखती चिल्लाती रही। लेकिन कोई मदद के लिए नहीं पहुंचा। वह गेट बजाती रही, लिफ्ट का लेकिन किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी। पहले रुक्मणी को निजी अस्पताल ले जाया गया। उसके बाद मृतक घोषित करने पर मेडिकल कॉलेज में अस्पताल ले जाया गया। परिजनों को फोन करके बताया गया कि उनका इमरजेंसी में इलाज चल रहा है। वह लिफ्ट में फंस गई थी, जबकि उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी।