जयपुर। Jeera Price: जीरा के भाव में नरमी देखी जा रही है। इसकी वजह जीरा की आवक बढ़ना है। जानकारों के अनुसार निर्यात व घरेलू मांग में कमी के कारण भी जीरा सस्ता हुआ है। आगे भी जीरा के भाव सुस्त रहने की संभावना है। हालांकि निचले भाव पर खरीद बढ़ने पर दाम सुधर भी सकते हैं।
सप्ताह भर से जीरा के भाव गिर रहे हैं। कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर जीरा जुलाई अनुबंध ने इस महीने 6 जून को 28,820 रुपये के भाव पर उच्च स्तर छुआ था। आज इसने खबर लिखे जाने के समय 26,690 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। इस तरह इस माह जीरा के वायदा भाव उच्च स्तर से करीब 7.50 फीसदी टूट चुके हैं। आज भी इसमें करीब 2.5 फीसदी नरमी देखी गई।
कमोडिटी विश्लेषक और एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड में सीनियर एसोसिएट्स (रिसर्च) रविशंकर पांडेय ने बताया कि जीरा की आवक ज्यादा है। इसके भाव जब 30 हजार के आस पास कारोबार कर रहे थे, तब मई महीने में आवक काफी बढ़ गई। जिससे इसकी कीमतों में गिरावट आने लगी। कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि इस महीने भी जीरा की आवक में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस महीने अब तक मंडियों में करीब 7,700 टन जीरा की आवक हुई, जो पिछले साल की समान अवधि से करीब 32 फीसदी अधिक है।
इसलिए इसके भाव सप्ताह भर में करीब 4.5 फीसदी गिर चुके हैं। आवक बढ़ने के साथ ही जीरा की मांग कमजोर पड़ना भी इसके सस्ता होने की एक अहम वजह है। पांडेय ने कहा कि जीरा की घरेलू और निर्यात दोनों मांग अब सुस्त है। आगे सीरिया और तुर्किये से जीरा आने लगेगा। ऐसे में आगे जीरा की निर्यात मांग और सुस्त रह सकती है। जिससे भारतीय बाजारों में जीरा के भाव में मंदी रह सकती है। हालांकि निचले स्तर पर खरीद बढ़ने से भाव चढ़ भी सकते हैं। एक कमोडिटी विश्लेषक ने कहा कि अप्रैल में करीब 41,150 टन जीरा निर्यात हुआ था, जो मई में घटकर करीब 22,880 टन रह गया।