कोटा की कानून एवं व्यवस्था की हालत चौपट होकर चिंताजनक हालत में पहुंच गई है। दिनदहाड़े हत्या-चाकूबाजी की बढ़ती घटनायें कोटा शहर की लचर कानून-व्यवस्था की स्थिति का बयान कर रही है। कांग्रेस की अघोषित बिजली कटोती समाप्त करने,आम आदमी की पीने के पानी, किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की महत्वपूर्ण मांग है, जिसे पूरा करने में मौजूदा सरकार नाकाम साबित हुई है और इसी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान में कोटा में महिला एवं देहात कांग्रेस के नेताओं ने राज्य सरकार से कोटा संभाग में चौपट हो चुकी कानून व्यवस्था को सुधारने, अघोषित बिजली कटोती समाप्त करने , कृषि सत्र में किसानों को नहरों में पानी से सिंचाई के लिए देने की मांग की है। कांग्रेस के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि अगले 10 दिनों में मांगें नहीं मानी तो व्यापक जनांदोलन शुरू किया जायेगा।
कोटा में कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद तो राज्य सरकार ने आचार संहिता लागू होने का बहाना बना लिया था लेकिन विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बहुमत मिलने के बाद सरकार के पास बहुत समय था और उस समय जनहित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार समस्याओं के निराकरण के लिए सार्थक प्रयास कर सकती थी जो कर पाने में भजन लाल शर्मा सरकार पूरी तरह नकारा साबित हुई।
इस दौरान पूरा वक्त निवृतमान सरकार के कार्यकाल में हुए विकास के कार्यो और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सफ़लता से लागू करने की प्रशंसा करने के बजाए खामियां गिनाने और खोट निकालने में बिता दिया और कोई काम नहीं हो पाया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार के पास अब भी वक्त है, क्योंकि चुनाव नतीजे आ चुके हैं और आचार संहिता हट चुकी है। ऐसे में सरकार के तेजी से काम किए जाने की आवश्यकता है। क्योंकि मौजूदा सरकार के अब तक के सत्ता सफर में राजस्थान की कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। आम आदमी बिजली-पानी जैसी दैनिक जरूरतों के लिए तरस रहा है और लोकसभा चुनाव के नतीजों से आतंकित भजन लाल सरकार जवाबदेह प्रशासन देकर समस्याओं के समाधान के बजाये अपने अस्तित्व को बचाने की कोशिश में जुटी है।
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती राखी गौतम ने कहा कि महज पांच माह के शासन काल में महिला अत्याचार, दुष्कर्म, गैंग रेप के मामले बढे हैं और 12 हजार मुकदमें दर्ज हुए हैं। ये ही नहीं, कई मामले तो ऐसे हैं जिनको या तो दर्ज नहीं किया या दबा दिया गया। जबकि भाजपा ने चुनाव अभियान में कहा था कि “महिलाओं पर अत्याचार नहीं सहेगा राजस्थान” चलाया गया लेकिन वह केवल चुनावी मुद्दा ही बनकर रहा गया है।
कोटा-बूंदी लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे प्रहलाद गुंजल ने कहा कि 6 माह में राज्य सरकार के पास कोई योजना नहीं है। बिजली नहीं, पानी नहीं। ऐसे में हम चेतावनी दे रहे हैं, पेयजल बिजली व्यवस्था ठीक करें।
बूंदी जिले की केशवरायपाटन सीट से विधायक सी एल प्रेमी ने कहा कि शहर और गांव में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। किसानों को ट्रांसफार्मर नहीं मिल रहे, कनेक्शन नहीं दे रहे। आने वाले समय में खरीफ की फसल बोई जाएगी तो कितनी असुविधा होगी, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। हिंडौली विधायक अशोक चांदना ने कहा कि पूरी गर्मी बिजली की समस्या रही और इस चौपट व्यवस्था से पूरी रात-रात भर लोग भीषण गर्मी में परेशान रहे।
श्री चांदना ने कहा कि हाडोती में धान की फसल बूस्टर डोज किसान को देती है, यदि आसमानी बरसात नहीं होती है तो राज्य सरकार यह बताएं की नहर में पानी की क्या व्यवस्था रहेगी और सिंचाई की पूरी व्यवस्था के बारे में बताएं।
चांदना ने कहा कि पूरे हाडोती संभाग में कानून की व्यवस्था चौपट हो गई, आज ही एक जगह हत्या हो गई और दूसरी जगह गोली दिनदहाडे मार दी गई। अपराधियों में भय समाप्त हो गया है। उन्होंने कोटा संभाग में कई घटनाएं बताई जहां चाकूबाजी हुई। हाडोती संभाग की पुलिस इसके लिए जिम्मेदार है।
देहात कांग्रेस अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार के पांच माह के कार्यकाल से ही जनता का विश्वास उठ गया है। जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। सिंह ने कहा क ग्रामीण में सबसे अधिक हाल बेहाल हो रहा है, कांग्रेस कार्यकतार्ओं को पुलिस निशाना बना कर काम कर रही है जो अब यह बर्दाश्त नहीं होगा।