सोनिया गांधी फिर से कांग्रेस संसदीय दल की नेता चुनीं गईं, खरगे ने रखा था प्रस्ताव

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नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को शनिवार को एक बार फिर से पार्टी संसदीय दल (सीपीपी) का प्रमुख चुना गया। इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर करारा प्रहार किया और कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार हुई है तथा उन्होंने नेतृत्व करने का अधिकार खो दिया है।

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि संविधान सदन (पुराने संसद भवन) के केंद्रीय कक्ष में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोनिया गांधी को सीपीपी प्रमुख नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसका पार्टी के तीन सांसदों गौरव गोगोई, तारिक अनवर और के. सुधाकरन ने अनुमोदन किया।

फिर से सीपीपी प्रमुख चुने जाने पर सोनिया ने पार्टी नेताओं का आभार जताया और कहा कि कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी दृढ़ता का परिचय दिया है। उन्होंने यह दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार हुई है तथा ऐसे में उन्होंने न सिर्फ जनादेश बल्कि नेतृत्व करने का अधिकार भी खो दिया है।

सोनिया ने कहा, ”देश की जनता ने विभाजन की राजनीति और तानाशाही को खारिज करने के लिए निर्णायक वोट दिया है। उन्होंने संसदीय राजनीति को मजबूत करने और संविधान की रक्षा के लिए मतदान किया।” उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ ऐतिहासिक आंदोलन थे, जिन्होंने पार्टी में हर स्तर पर नयी जान फूंकी।

सोनिया ने कहा कि राहुल गांधी अभूतपूर्व व्यक्तिगत व राजनीतिक हमलों का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए विशेष धन्यवाद के पात्र हैं। सोनिया के सीपीसी प्रमुख चुने जाने से पहले पार्टी की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह किया गया। हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीट पर जीत दर्ज की है।