नई दिल्ली। इंटरनेट ब्राउजर्स की लिस्ट में (गूगल क्रोम) Google Chrome का नाम भी शामिल है और संभव है कि आप भी इसका इस्तेमाल करते हों। गूगल का यह इंटरनेट ब्राउजर अलग-अलग एक्सटेशंस को सपोर्ट करता है, जिनकी मदद से यूजर्स का अनुभव बेहतर किया जाता है। एक्सटेंशंस की मदद से ब्राउजर में कई अतिरिक्त फीचर्स मिलने लगते हैं और इन्हें इंस्टॉल करना भी आसान होता है। हालांकि, अब इनकी मदद से डाटा चोरी का पता चला है।
साइबर सुरक्षा कंपनी मैकएफी (McAfee) ने क्रोम ब्राउजर इस्तेमाल करने वालों की चिंता बढ़ा दी है और दावा किया है कि गूगल क्रोम एक्सटेशंस की मदद से लाखों यूजर्स का डाटा चुराया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच लोकप्रिय क्रोम एक्सटेशंस की मदद से 14 लाख से ज्यादा यूजर्स का डाटा चोरी किया गया और यूजर्स को इसकी भनक तक नहीं लगी। ये एक्सटेंशंस शॉपिंग वेबसाइट्स की कुकीज में बदलाव कर यूजर्स को ट्रैक भी करते थे।
गूगल क्रोम ब्राउजर में जो एक्सटेशंस यूजर्स का डाटा चोरी कर रहे हैं, उन्हें लाखों बार डाउनलोड किया गया है। इन एक्सटेशंस में नेटफ्लिक्स पार्टी, नेटफ्लिक्स पार्टी 2, फुल पेज स्क्रीनशॉट कैप्चर- स्क्रीनशॉटिंग, फ्लिपशोप- प्राइस ट्रैकर एक्सटेंशन और ऑटोबाय फ्लैश सेल्स शामिल हैं। इनमें से नेटफ्लिक्स पार्टी और नेटफ्लिक्स पार्टी 2 को सबसे ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है। इनकी मदद से यूजर्स अपने दोस्तों के साथ अलग-अलग जगह बैठकर भी एकसाथ वीडियोज देख सकते थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ये एक्सटेंशंस यूजर्स का ब्राउजिंग डाटा चोरी करने के लिए मल्टीपर्पज स्क्रिप्ट की मदद लेते थे। इस तरह उनका डाटा अटैकर के कंट्रोल वाले डोमेन में ट्रांसफर कर दिया जाता था। हर बार यूजर के नए URL पर जाते ही उसका ब्राउजिंग डाटा अटैक करने वाले को मिल जाता था। इस डाटा में यूजर ID, डिवाइस की लोकेशन, लोकेशन और इनकोडेड रेफरल URL जैसी जानकारी शामिल होती थी।
अगर आप ब्राउजर एक्सटेंशंस में से किसी का इस्तेमाल कर रहे थे, तो उसे फौरन डिलीट कर दें। आप एड्रेस बार के बगल दिख रहे एक्सटेंशन आइकन पर क्लिक करने के बाद ‘मैनेज एक्सटेशंस’ से ऐसा कर सकते हैं। नेटफ्लिक्स पार्टी, नेटफ्लिक्स पार्टी 2 और ऑटोबाय फ्लैश सेल्स एक्सटेंशंस को क्रोम वेब स्टोर से हटाया गया है, जबकि बाकी अब भी डाउनलोड किए जा सकते हैं।